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संसद में शिवसेना का ऑफिस भी शिंदे गुट को

  नई दिल्ली। शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर घमासान जारी है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ताजा खबर यह है कि उद्धव ठाकरे की याचिका पर मंग...


  नई दिल्ली। शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर घमासान जारी है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ताजा खबर यह है कि उद्धव ठाकरे की याचिका पर मंगलवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी। अब बुधवार को सुनवाई की उम्मीद है। इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। उद्धव गुट जल्द सुनवाई की मांग कर रहा है ताकि और नुकसान होने से बचाया जा सके। इस बीच, उद्धव ठाकरे को उस समय एक और झटका लगा जब लोकसभा में शिवसेना का दफ्तर शिंदे गुट को आवंटित कर दिया गया। इसके लिए शिंदे गुट की ओर से लोकसभा सचिवालय को चिट्ठी लिखी गई थी।  इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। इस याचिका के जरिए शिंदे ने सर्वोच्च अदालत से अनुरोध किया है कि उनका पक्ष जाने बगैर कोई फैसला न दिया जाए। बता दें. चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला देते हुए शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न (तीर कमान) पर एकनाथ शिंदे गुट का अधिकार दिया था। उसके बाद उद्धव ठाकरे और उनके करीबियों में हड़कंप की स्थिति है। उद्धव ठाकरे ने इस फैसले के बाद मोदी सरकार और भाजपा पर निशाना साधा। उद्धव ठाकरे के मुताबिक, यह देश में तानाशाही की शुरुआत है। वहीं संजय राउत ने तो बड़ा आरोप लगाया कि शिवसेना के चुनाव चिह्न का 2000 करोड़ रुपए में सौदा हुआ है। इस बीच, उद्धव गुट में बैठकों का दौर जारी है। आज शाम को बड़ी बैठक रखी गई है। इस बीच, महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना का कार्यालय भी शिंदे गुट को दे दिया गया है। शिंदे समर्थक नेता और मंत्री कह रहे हैं कि बालासाहेब ठाकरे को विरासत को सही मायने में वो ही आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि उद्धव ठाकरे ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।

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