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करबला तालाब को सौंदर्यीकरण के बहाने पाटा जा रहा, 40% में भर दिया मलबा

  रायपुर । सौंदर्यीकरण के नाम पर शहर के ऐतिहासिक करबला का लगभग 30 से 40 फीट हिस्सा पाट दिया गया है। तालाब को पाटने का काम अभी भी चल रहा है। ...

 

रायपुर । सौंदर्यीकरण के नाम पर शहर के ऐतिहासिक करबला का लगभग 30 से 40 फीट हिस्सा पाट दिया गया है। तालाब को पाटने का काम अभी भी चल रहा है। यहां सौंदर्यीकरण के लिए सीएसआर (कारपोर्रेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड से लगभग ढाई करोड़ का काम किया जा रहा है। इस तालाब से लगी हुई निजी जमीन पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बन रही है। यह बिल्डिंग किसी ज्वेलर्स की है और तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए उन्हीं के सीएसआर फंड से काम हो रहा है। इसकी भनक लगने पर भाजपा पार्षदों का दल शनिवार को तालाब पहुंच गया। पार्षदों ने इसका निरीक्षण कर तालाब पाटे जाने की जानकारी दी। सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत बड़े उद्योग घराने और कंपनियों के पास सीएसआर का बड़ा फंड होता है। इस फंड से वे शहर में जनहित के काम करते हैं। इस आधार पर कंपनियों को शासन-प्रशासन से कई तरह की रियायतें मिलती हैं। शहर में कई उद्योग घरानों ने पर्यावरण को लेकर बड़े काम किए हैं। ऐसे ही सीएसआर फंड से करबला तालाब का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के साथ भाजपा पार्षद काम का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे तो उन्होंने देखा कि तालाब का लगभग 30 से 40 फीट हिस्से में मुरुम इत्यादि डालकर पाटा जा चुका है और पाटने काम लगातार चल रहा है। फंड सीएसआर का है, लेकिन काम करने वाली एजेंसी रायपुर स्मार्ट सिटी बताई जा रही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का स्पष्ट निर्देश और सुप्रीम कोर्ट में भी तालाब की वाटर बॉडी को खत्म नहीं करने की स्पष्ट गाईडलाइन है। इसके बावजूद निर्माण एजेंसियों बेखौफ तालाब का जलक्षेत्र कम कर रहे हैं। महाराजबंध तालाब को लेकर भी इसी तरह के आरोप के बाद मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तक पहुंचा था। बूढ़ातालाब को भी एक निजी एजेंसी को डेवलपमेंट के लिए दिया गया था और उस कंपनी ने तालाब पाटना शुरू कर दिया था मामला उजागर होने के बाद नगर निगम को कंपनी के साथ अनुबंध खत्म करना पड़ा था। करबला तालाब का मामला इसी तरह का है। स्वामी आत्मानंद वार्ड के पार्षद अमर बंसल ने कहा कि इस बात की संभावना है कि तालाब को पाटने का काम निजी हित को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। जिम्मेदार कह रहे हैं कि तालाब का एक इंच भी खत्म नहीं होगा, लेकिन यहां तो 30-40 फीट तक पाट दिया गया।  नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि मौके पर पहुंचकर जोन अफसरों को फोन लगाने पर उन्होंने इस संबंध में अनभिज्ञता जाहिर की है। हालांकि उन्होंने कहा कि ताला निगम सीमा में है। तालाब पाटने की शिकायत के संबंध में दो दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट देंगे। मीनल ने कहा कि भाजपा पार्षद दल सोमवार को 12 बजे इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेगा। शनिवार को तालाब निरीक्षण के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा, प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे, दीपक जायसवाल, सरिता वर्मा, भोला साहू, आशु चन्द्रवंशी, अमर बंसल, रजियन ध्रुव, विभोर शुक्ला, शरद राठौर, सुशील जामुलकर, गुड्डा दिनेश तिवारी आदि मौजूद थे।

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