बिलासपुर । गंगरेल बांध के भूविस्थापित आठ हजार 500 परिवार के सदस्य दो पीढ़ी से अपने अधिकार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते आ रहे थे। अविभाजित मध्य प्...
बिलासपुर । गंगरेल बांध के भूविस्थापित आठ हजार 500 परिवार के सदस्य दो पीढ़ी से अपने अधिकार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते आ रहे थे। अविभाजित मध्य प्रदेश सरकार को जबलपुर हाई कोर्ट से याचिकाकर्ता भूविस्थापित आदिवासियों को मुआवजा राशि में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर मुआवजा देने का आदेश दिया था। मध्य प्रदेश के दौर में भी और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद भी भूविस्थापितों को ना तो न्याय मिल पा रहा था और ना ही राहत। डुबान संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेंद्र कुमार के साथ तकरीबन 50 आदिवासी वर्ष 2007 में मेरे पास आए और मामला लड़ने का अनुरोध किया। उनकी आर्थिक स्थिति और दिक्कतों को देखते हुए मैंने निश्शुल्क मामला लड़ने की बात कही। परेशानी और आर्थिक तंगी के बाद भी उन लोगों ने फीस देने की पेशकश की। वर्ष 2007 में मैने जनहित याचिका दायर की। 11 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद वह दिन भी आया जब मैंने भूविस्थापितों के चेहरे पर खुशी देखी।
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