कुरुद। नगर में कल प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर के हृदय स्थल (पुराना बाज़ार) से जुड़ा हुआ प्राचीन श्रीराम मंदिर जो लगभग 250वर्ष पुरानी म...
कुरुद। नगर में कल प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर के हृदय स्थल (पुराना बाज़ार) से जुड़ा हुआ प्राचीन श्रीराम मंदिर जो लगभग 250वर्ष पुरानी मंदिर है जहा भक्त भगवान के साथ फूलो से होली खेलेंगे साथ ही इस उत्सव में नंगाड़े की थाप पर फाग गीत गाते हुए फूलों की होली के साथ उत्सव की खुशियां बिखेरी जाएंगी।
इस पावन धाम पर बसंत उत्सव मनाया जाता रहा है। जहां नगर के धर्म एवं कलाप्रेमी एकत्र होकर भगवान श्रीराम चन्द्रजी का आर्शीवाद लेकर उनके चरणों मे श्रद्गासुमन अर्पित कर फाग गीत गाते हुए होली के उत्सव की खुशियां बिखेरते है। पूरे नगर में होली के बाद रँगपचमी पर मनाए जाने वाले इस उत्सव की एक अलग पहचान है। जिसका आनंद देखते ही बनता है। यह प्रभु श्रीराम चन्द्र जी के साथ अवध के फूलों की होली का आनंद लेते है।
बसन्त उत्सव का कुछ यूं होता है नजारा
हर जगह फूलों के साथ एक असाधारण आश्चर्यजनक बासंती की होली मनाई जाती है। फूलों की होली के उल्लास के लिए उनकी आराध्य साथी को सुंदर फूलों और ताजा खिलने वाली मालाओं से भव्य रूप से सजाया जाता है। भक्त उत्साही इस शानदार उत्सव में शामिल होंगे, प्राचीन श्रीराम मंदिर स्थल के अंदर एक अनोखे और उत्साह के साथ होता है यह प्यारा पुष्प उत्सव इस मायने में अनूठा है कि यह संथेतिक सूखे या गीले रंगों के साथ नहीं खेला जाता है। इसके बजाय, यह अनेक रंग बिरंगे फूलो की पंखुड़ियों के साथ खेला जाता है, जिससे इसे फूलन वाली होली कहते है।
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