नई दिल्ली। योग में भुजंग आसन का अभ्यास करने शरीर को बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को मिलता है। इस आसन से पीठ दर्द स...
नई दिल्ली। योग में भुजंग आसन का अभ्यास करने शरीर को बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को मिलता है। इस आसन से पीठ दर्द से राहत मिलती है। साथ ही शरीर रोग मुक्त होता है। पेट की चर्बी खत्म होती है। शरीर रोग मुक्त हो जाता है। योग विशेषज्ञों का कहना है कि भुजंग आसन करने से पेट पर अधिक बल पड़ता है। इससे पाचन तंत्र बहुत मजबूत होता है। यह कई बीमारियों में फायदेमंद है। इससे कब्ज, अस्थमा, महिलाओं को होने वाली मासिक धर्म में समस्या को दूर होती है। इस आसन का अभ्यास समतल और स्वच्छ जमीन पर दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं और थोड़ी देर आराम करें। इसके बाद पुश अप मुद्रा में आकर शरीर के अगले हिस्से को उठाएं। इस आसान को अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है। इस मुद्रा में शारीरिक क्षमता अनुसार रहे। फिर पहली अवस्था में आ जाएं। इस आसन को रोजाना दस बार जरूर करें। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। कंधों और बाहों को मजबूती प्रदान होता है। शरीर में लचीलापन बढ़ता है। इस आसन को प्रतिदिन करने पर शरीर से तनाव और थकान को दूर हो जाता है। भुजंगासन से हृदय स्वस्थ रहता है। अस्थमा के लक्षणों में आराम मिलता है। बेडौल कमर को पतली-सुडौल व आकर्षक बनाता है। इसे रोजाना करने से लंबाई बढ़ती है। पीठ दर्द से आराम मिलता है।
इस आसन को कब न करें
हर्निया से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को न करें, नहीं तो नुकसान हो सकता है। पेट दर्द होने पर यह आसन न करें। गर्भवती महिलाएं इस आसन को बिल्कुल न करें। हाथ, पीठ और गर्दन में दर्द या चोट है तो इसका अभ्यास न करें। आसन करते समय सिर को पीछे की ओर ज्यादा ना झुकाएं वरना मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है।
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