कोहिमा । नागालैंड में महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों से ज्यादा है। फिर भी आपको जानकर हैरानी होगी कि नागालैंड बनने के 60 साल बीतने के ...
कोहिमा । नागालैंड में महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों से ज्यादा है। फिर भी आपको जानकर हैरानी होगी कि नागालैंड बनने के 60 साल बीतने के बाद भी कोई महिला विधायक नहीं बनी थी। इस बार यह रिकॉर्ड टूट गया है। एनडीपीपी की उम्मीदवार हेकानी जाखालू ने दीमापुर-3 सीट पर जीत हासिल की है। नागालैंड में 27 फरवरी को वोटिंग कराई गई थी। 59 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। 1963 में नागालैंड को राज्य का दर्जा दिया गया था। 14वीं बार यहां विधानसभा चुनाव हुआ है। इस बार 60 विधानसभा सीटों पर 184 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें केवल चार महिलाएं हैं। एनडीपीपी की उम्मीदवार हेकानी जाखालू को मजबूत दावेदार माना जा रहा था। उनके जीतने के साथ ही नागालैंड को पहली महिला विधायक मिल गईं। हेगानी जाखालू दीमापुर-3 सीट से उम्मीदवार थीं। वह एक पोस्ट ग्रेजुएट महिला हैं। उन्होंने लंदन में पढ़ाई की। इसके बाद भारत लौटकर उन्होंने एनजीओ के साथ लंबे समय तक काम किया। उनके अलावा एनडीपीपी की ही 56 साल की सालहुटुआनो क्रूस पश्चमी अंगामी सीट से उम्मीदवार थीं। एटोइजू सीट पर भाजपा ने काहुली सेमा को उतारा था। इसके अलावा टेनिंग सीट पर कांग्रेस ने रोजी थॉमसन को उम्मीदवार बनाया। नागालैंड में महिलाओं के राजनीति में आने का विरोध होता रहा है। हालांकि अब माहौल धीरे-धीरे बदल रहा है। महिला विधायक ही नहीं बल्कि 1977 से अब तक नागालैंड में केवल दो महिला सांसद बनी हैं। वहीं समाज में महिलाओं का योगदान बहुत है। वे खेती से लेकर घर और बाहर का काम देखती हैं। लेकिन राजनीति को लेकर रूढ़िवाद टूट नहीं रहा है।
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