पीथमपुर । पीथमपुर में बाबा की बरात नागा साधुओं की अगवाई में धूल पंचमी आज साल बाजे-गाजे के साथ निकलती है बाबा की बारात। चांदी की पालकी में ...
पीथमपुर । पीथमपुर में बाबा की बरात नागा साधुओं की अगवाई में धूल पंचमी आज साल बाजे-गाजे के साथ निकलती है बाबा की बारात। चांदी की पालकी में कलेश्वरनाथ की प्रतिमा को सुसज्जित कर मंदिर परिसर से बरात निकाली जाएगी। इसी के साथ यहां 15 दिवसीय मेला शुरू हो जाता है। जिला मुख्यालय जांजगीर से लगभग 11 किलोमीटर दूर हसदेव नदी के तट पर ग्राम पंचायत पीथमपुर में बाबा कलेश्वरनाथ का प्राचीन मंदिर है। यहां हर साल धूल पंचमी पर उनकी बरात निकलती है। इसके लिए मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है। इस दिन शाम चार बजे भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के बाद बरात निकलती है। इसमें शामिल होने नेपाल, हरिद्वार, बनारस, अमरकंटक सहित देश के कई स्थानों से विभिन्न अखाड़ों के नागा साधु पहुंचते हैं। इस साल भी ये यहां आ चुके हैं। रंगपंचमी पर बाबा कलेश्वरनाथ । बाबा कलेश्वरनाथ की बरात में शामिल होने विभिन्न अखाड़ों से नागा साधु पीथमपुर पहुंच गए हैं। यह परंपरा बरसों से चली आ रही है। बरात में शामिल होने पंच दशनाम जूना आह्वान, निर्माणी व बैरागी होती है। अखाड़े से साधु पहुंचे हैं। साधुओं की दिनचर्या सुबह चार बजे से स्नान, ध्यान व पूजा अर्चना योग व प्राणायाम के अलावा ये ज्यादातर समय ध्यान में लीन रहते हैं।
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