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केंद्रीय जेल में सजा काट रहे कैदी अब शादियों में बैंड बजाएंगे

   भिलाई।  हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों में सजा काट रहे कैदी अब शादियों में बैंड बजाएंगे। दुर्ग के केंद्रीय जेल प्रशासन ने ये नवाचार क...

 

 भिलाई।  हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों में सजा काट रहे कैदी अब शादियों में बैंड बजाएंगे। दुर्ग के केंद्रीय जेल प्रशासन ने ये नवाचार किया है। इसके लिए 16 कैदियों की एक टीम बनाई गई है। उन्हें बैंड पार्टी का पूरा सामान खरीदकर दिया गया है। बैंड बजाने का प्रशिक्षण दिया गया है। अभी भी ये कैदी रोजाना जेल में बैंड बजाने का अभ्यास करते हैं। अब ये बैंड पार्टी शादी व अन्य अवसरों पर बैंड बजाने के लिए तैयार हो चुकी है। जेल प्रशासन द्वारा इनके लिए बैंड पार्टी वाले कपड़े भी सिलवाएं जा रहे हैं। इस बैंड पार्टी के लिए जेल प्रशासन ने जिन कैदियों को चुना है, उनकी उम्र 25 से 30 साल के बीच है। हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध में न्यायालय से आजीवन और लंबी अवधि तक जेल में रहने का दंड पा चुके हैं। इनके अच्छे चाल चलन को देखते हुए जेल प्रशासन ने इन्हें चुना है। इनके चुनाव के दौरान एक और बात का विशेष ध्यान रखा गया है। ये सभी कैदी आठ से 10 बार पेरोल पर जा चुके हैं। हर कैदी को साल में दो बार 14-14 दिन की पेरोल मिलती है। पेरोल के दौरान इन कैदियों किसी प्रकार का अपराध नहीं किया। पेरोल की अवधि समाप्त होने पर ये लोग खुद ही जेल भी लौट आए, उन्हें विशेष तवज्जो दी गई है। कैदियों की बैंड पार्टी का शुल्क प्रति घंटे 400 रुपये का होगा। इस राशि में से इन कैदियों को 60 रुपये प्रति दिन के हिसाब से भुगतान होगा। इस भुगतान का आधा भाग कैदी के परिवार को जाएगा और शेष आधा भाग उस पीड़ित परिवार को दिया जाएगा, जिनके परिवार के सदस्य इनके अपराध का शिकार हुए हैं। बुकिंग होने पर इन्हें पुलिस लाइन या जेल प्रशासन की गाड़ी में आयोजन स्थल तक ले जाया और वहां से वापस लाया जाएगा। इस दौरान जेल प्रशासन के जवान भी उनके साथ रहेंगे। दुर्ग केंद्रीय जेल अधीक्षक शेखर सिंह तिग्गा ने कहा, जेल में बंद 16 कैदियों को मिलाकर बैंड पार्टी बनाई गई है। इससे पहले ये कैदी राष्ट्रीय पर्व पर जेल प्रशासन के आयोजन में बैंड बजाते थे, लेकिन अब ये शादियों में भी बैंड बजाएंगे। शादियों में इन्हें बाहर भेजने के लिए जेल मुख्यालय से अनुमति लेने की प्रक्रिया पूरी जा चुकी है। इनके लिए बैंड पार्टी की वर्दी बनवाई जा रही है।

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