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मुख्यमंत्री सुपोषण योजना : पौष्टिक पोषक आहार से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में आया सुधार

  आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा में 4 हजार से अधिक बच्चों ने दी कुपोषण को मात रायपुर। महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की समस्या को ध्यान मे...

 

आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा में 4 हजार से अधिक बच्चों ने दी कुपोषण को मात

रायपुर। महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की समस्या को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर शुरू किए गए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य में बड़ा सुधार आ रहा है। आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा जिले में 4 हजार 412 बच्चों ने कुपोषण को मात दे दी है। योजना से अब तक यहां 94 हजार 828 महिलाओं और बच्चों ने लाभ उठाया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक भोजन, प्रोटीन, आयरन युक्त खाद्य सामाग्रियों को दैनिक जीवन में शामिल कर कुपोषण एवं एनीमिया की दर में कमी लाना है। इसके साथ ही जन-सामान्य में कुपोषण एवं एनीमिया के विरूद्ध जन-जागरूकता लाकर इससे निपटने के लिए वातावरण तैयार करना है। योजना के तहत दंतेवाड़ा जिले में सुपोषण केंद्रों के माध्यम से 1 से 3 वर्ष के सामान्य एवं कुपोषित बच्चे, शिशुवती माताओं एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 3 से 6 वर्ष के बच्चे तथा गर्भवती माताओं को पौष्टिक आहार से लाभांवित किया जा रहा है।  राज्य सरकार द्वारा बच्चों और माताओं को योजना के तहत प्रतिदिन निःशुल्क पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। खाने में अंडे, गुड़ और मूंगफली से बने पौष्टिक लड्डू दिए जा रहे हैं। बच्चों, महिलाओं को पौष्टिक आहार मिलने से कुपोषण की दर घटी है। आंगनबाड़ी दीदियों द्वारा गर्भवती माताओं के खानपान, संतुलित आहार साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने से स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार हुआ है। इन दीदियों द्वारा घर-घर भेंट कर गर्भवती माताओं को पौष्टिक व्यंजनों, बच्चों की उचित देखभाल, उचित पोषण और टीकाकरण आदि के बारे में जानकारी भी दी जा रही है।

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