रायपुर। एक्टर, कमेडियन सतीश कौशिक अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। अपने अदांज से लोगों को हसांने से लेकर लोगों को रूलाने और लोगों को स...
रायपुर। एक्टर, कमेडियन सतीश कौशिक अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। अपने अदांज से लोगों को हसांने से लेकर लोगों को रूलाने और लोगों को सोचने पर मजबूर तक करने का दम रखने वाले सतीश कौशिक के बारे में कुछ भी कहना बहुत कम ही होगा है। वहीं फिल्मों से उनका लगाव या चाहत तो क्या ही बताए, जैसे जन्म ही उनका इसी लिए हुआ था। फिल्मों से प्यार सिर्फ देश के एक कोने तक की सीमित नहीं रही बल्कि अच्छी फिल्मों को वे हर जगहों से लेने से नहीं चूकते थे। ऐसा ही कुछ देखने को मिला था छत्तीसगढ़ के फिल्मों से। बालीवुड के प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता एवं सर्वश्रेष्ठ कमेडियन के पुरस्कार से नवाजे गए सतीश कौशिक की अब सिर्फ यादें शेष रह गई हैं। वे छत्तीसगढ़ की हिट फिल्म मोर छइहां भुइयां से काफी प्रभावित थे। इस फिल्म को वे हरियाणवी भाषा में बनाना चाहते थे। उनके अनायास दुनिया छोड़ जाने से छत्तीसगढ़िया निर्माता, निर्देशकों और कलाकारों में मायूसी छा गई है। हर कोई उनके किरदारों, अभिनय को याद कर रहा है। छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को दोबारा स्थापित करने में अहम योगदान देने वाले निर्माता सतीश जैन ने मोर छइहां, भुइहां फिल्म बनाई थी। अपने समय की जबरदस्त हिट फिल्म से छालीवुड को विशेष पहचान मिली। इस फिल्म ने अनेक कलाकारों को स्थापित कर दिया। सतीश जैन ने मुंबई में अनेक सालों तक संघर्ष किया था। जब उनकी फिल्म हिट हुई तब इस फिल्म के राइट्स बालीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता सतीश कौशिक ने खरीदे थे और वे इस फिल्म की रिमेक अन्य भाषा में करना चाहते थे। हिंदी और छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माता सतीश जैन बताते हैं कि मुंबई में प्रारंभिक दिनों में वे अभिनेता सतीश कौशिक के साथ काम करते थे। जब जैन ने छत्तीसगढ़ी फिल्म बनाई तो कौशिक भी इस फिल्म को लेकर उत्साहित थे। वे हिंदी फिल्मों के साथ हरियाणवी फिल्म भी बनाना चाहते थे। मोर छइहां भुइहां बनाने की ख्वाहिश थी। उनके साथ बिताए गए पलों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे जितने अच्छे अभिनेता थे, उतने ही अच्छे इंसान थे। वे हमेशा हंसमुख रहते थे। काफी नाम कमाने के बाद भी वे जमीन से जुड़कर रहे। हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे।
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