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आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

   बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने महिलाओ के प्रति सौ फीसद आरक्षण को असंवैधानिक माना एवं चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 201...

 

 बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने महिलाओ के प्रति सौ फीसद आरक्षण को असंवैधानिक माना एवं चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2013 की अनुसूची-3 में निर्धारित आक्षेपित नोट-2 एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर द्वारा जारी विज्ञापन आठ दिसम्बर 2021 की कंडिका-5 असंवैधानिक मानते हुवे भर्ती नियम एवं विज्ञापन की कंडिया-5 को निरस्त कर दिया है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर द्वारा आठ दिसम्बर 2021 को शासकीय नर्सिंग महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक एवं प्रदर्शक के 91 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था, विज्ञापन के कंडिका 5 में केवल महिला अभ्यर्थियों को पात्र माना था एवं केवल महिला अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते है। जून 2013 में छत्तीसगढ़ चिकिस्ता शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2013 प्रकाशित किया गया था, जिसकी अनुसूची तीन में शासकीय नर्सिंग महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक एवं प्रदर्शक के पद के लिए केवल महिलाओ को पात्र माना गया था। याचिकाकर्ता अभय कुमार एक्का एवं अन्य ने छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2013 की अनुसूची-3 में निर्धारित आक्षेपित नोट-2 एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर द्वारा विभिन्न विषयों में सहायक प्राध्यापक (नर्सिंग) एवं डेमोंस्ट्रेटर के विभिन्न पदों हेतु आक्षेपित विज्ञापन दिनांक 08.12.2021 की वैधता और संवैधानिक वैधता को अधिवक्ता घनश्याम कश्यप एवं नेल्सन पन्ना के माध्यम माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में चुनौती दी, कि नोट-2 नर्सिंग कॉलेजों में डेमोंस्ट्रेटर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए केवल महिला उम्मीदवार सेवा में सीधी भर्ती के लिए पात्र होंगी, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।

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