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रायपुर ग्रामीण विधानसभा : मुख्यमंत्री ने 1000 सीटर गारमेंट फैक्ट्री का भूमिपूजन किया

  15 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली फैक्ट्री में एक हज़ार महिलाओं को मिलेगा रोजगार कटिंग, सिलाई, पैकेजिंग के लिए होंगे अलग-अलग डिपार्टमेंट ...

 

15 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली फैक्ट्री में एक हज़ार महिलाओं को मिलेगा रोजगार

कटिंग, सिलाई, पैकेजिंग के लिए होंगे अलग-अलग डिपार्टमेंट

रायपुर। रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज मोवा स्थित पाम-बेलाजियो अपार्टमेंट के सामने 1000 सीटर गारमेंट फैक्ट्री का भूमिपूजन किया। शहरी आजीविका आवर्धन हेतु महिला गारमेंट फैक्ट्री में कोई भी महिला जिन्हें बेसिक टेलरिंग का ज्ञान है, ऐसी महिलाएं यहाँ काम कर सकेगी। यहां सिलाई कार्य सीखने की इक्छुक महिलाओं को यहां ट्रेनिंग के बाद कार्य दिया जाएगा, इसकी कुल लागत करीब 15 करोड़ रुपए होगी। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, रायपुर ग्रामीण विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, नगर निगम रायपुर महापौर श्री एज़ाज़ ढेबर, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा,नगर निगम सभापति श्री प्रमोद दुबे, अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत अग्रवाल, निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे। शहरी आजीविका आवर्धन हेतु रायपुर नगर निगम द्वारा महिला गारमेंट फैक्ट्री स्थापना कार्य रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में किया जा रहा है। इस गारमेंट फैक्ट्री में 1000 सिलाई मशीने लगाकर अपनी मेहनत व शासन के सहयोग से कपड़ों का एक ऐसा ब्रांड तैयार करेंगे, जिससे महिलाओं को रोजगार के साथ आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। इसके तहत योजनाबद्ध ढंग से कपड़ों की फैक्ट्री तैयार करने के लिए महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अंतर्गत देश की बड़ी रेडीमेड कंपनियों के साथ रायपुर नगर निगम टाई-अप करेगा। ये बड़ी कंपनियां इस फैक्ट्री को रॉ मटेरियल उपलब्ध कराएगी और तैयार होने वाले गारमेंट्स की खरीदी करेगा। बड़ी तादाद में तैयार होने वाले कपड़ों के लिए इस फैक्ट्री में कटिंग, सिलाई, पैकेजिंग आदि के अलग-अलग डिपार्टमेंट होंगे। इससे न केवल रायपुर की महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि गारमेंट्स के क्षेत्र में रायपुर बड़ा मुकाम हासिल करेगा। यहां तैयार होने वाले कपड़ों की लागत कम होने से महानगरों की तुलना में इन कपड़ों की मांग बढ़ेगी, जिससे रोजगार के नये आयाम विकसित होंगे। रायपुर नगर निगम ने इस फैक्ट्री को पी.पी.पी. मॉडल पर संचालित करने का निर्णय लिया है।

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