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असिस्टेंट प्रोफेसर ठगी का बना शिकार गवांए 3.54 लाख रूपये

   रायगढ़। नित नए-नए हथकंडे अपना कर आनलाइन ठगी करने वाले लोग अपना शिकार शहर से लेकर ग्रामीण अंचल के पढ़े लिखे शिक्षित लोगो को ठगने में कोई क...

 

 रायगढ़। नित नए-नए हथकंडे अपना कर आनलाइन ठगी करने वाले लोग अपना शिकार शहर से लेकर ग्रामीण अंचल के पढ़े लिखे शिक्षित लोगो को ठगने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। ठगबाज के चक्कर मे डाक्टर, वकील,पुलिस के साथ - साथ अब कालेज के प्रोफेसर तक अपने रकम को बहकावे में आकर गवां रहे है। ऐसा ही मामला एक बार फिर शासकीय महाविद्यालय के असिटेंट प्रोफेसर के साथ घटित हुआ है जहां उन्हें क्रेडिट कार्ड बंद रवाने के नाम पर3 लाख 54 हजार रूपये गवाने पड़ गया। जानकारी के मुताबिक शासकीय महाविद्यालय चपले के असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा अज्ञात व्यक्ति द्वारा थाने में आवेदन देकर अवगत कराया कि उनके मोबाइल नंबर अलग अलग दो फोन नम्बर से फोन आया। जिसने अपने आपको पुणे (महाराष्ट्र) मेन ब्रांच का मैनेजर बताकर बोला कि “आप अपना क्रेडिट कार्ड क्यों चला रहे हो बेवजह पैसा कट रहा है । उसको ब्लाक करा लो । “ इतना कहकर उसने नाम, पता, आधार कार्ड एवं क्रेडिट कार्ड, पेन कार्ड का नंबर पूछा और क्रेडिट कार्ड बंद कराने का झांसा देकर मोबाइल पर आया हुआ ओटीपी पूछा,जिसे बताने के बाद जानकारी मिला कि अज्ञात व्यक्ति ऑनलाइन पीड़ित के नाम से युनियन बैक शाखा से 3,54,000 रूपये का लोन दर्शाकर रूपये कैश निकाल लिया गया है । पीड़ित के आवेदन पर थाना कोतरारोड़ में अज्ञात व्यक्ति मोबाइल नंबर धारक के विरूद्ध धारा 420 आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है । देखा जाए तो लोगो को ऑनलाइन ठगी से बचाने के लिए पुलिस व बैंक द्वारा कई तरह से जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद भी लोग ठगबाज के झांसे में आ रहे है और अपने मेहनत की रकम चंद मिनटों में गवा रहे हैं।

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