नयी दिल्ली: केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को आरोप लगाया कि आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत की अदालत में अपील दाखिल करने ...
नयी दिल्ली: केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को आरोप लगाया कि आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत की अदालत में अपील दाखिल करने के लिए राहुल गांधी के साथ जाने के कांग्रेस नेताओं का फैसला न्यायपालिका पर ‘अनुचित दबाव’ बनाने की कोशिश है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस आरोप को खारिज कर दिया। खरगे ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश के लिए लड़ रहे हैं और ऐसे में पार्टी के नेता उनके समर्थन के लिए सूरत पहुंच रहे हैं तथा यह कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है। राहुल गांधी ‘मोदी उपनाम’ वाले अपने बयान से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराये जाने के खिलाफ सोमवार को गुजरात के सूरत की एक अदालत में अपील दायर करने पहुंचेंगे। सूत्रों ने बताया कि उनके साथ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाद्रा, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, अन्य राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय नेता भी जा सकते हैं। राहुल के वकीलों ने कहा कि सत्र अदालत सोमवार को ही मामले को सुनवाई के लिए ले सकती है। रीजीजू ने कहा, ‘‘मेरा सीधा सवाल है। कांग्रेस न्यायपालिका पर इस तरह का अनुचित दबाव बनाने की कोशिश क्यों कर रही है। न्यायिक मामलों से निपटने के तरीके होते हैं। लेकिन क्या यह तरीका है?’’ उन्होंने सवाल किया कि क्या पहले ऐसा कोई मामला देखने में आया है जब कोई पार्टी अदालत का ‘घेराव’ करने की कोशिश कर रही है। रीजीजू ने ट्वीट किया, ‘‘जब पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरंसिंह राव को दोषी करार दिया गया था तो कांग्रेस चुप थी। पी चिदंबरम और डी के शिवकुमार को उन आरोपों के खिलाफ समर्थन नहीं मिला जिनसे जुड़े मामले में वे जमानत पर हैं।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल राहुल गांधी के लिए यह ‘नौटंकी’ कर रही है क्योंकि वह एक परिवार और एक व्यक्ति को देश और उसके कानूनों से ऊपर मानती है। खरगे ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (नेताओं का सूरत पहुंचना) शक्ति प्रदर्शन नहीं है। राहुल जी हमारे नेता हैं तो नेता के साथ खड़े होने के लिए सभी जाते हैं। जब किसी के खिलाफ मामला होता है तो परिवार के लोग जाते हैं। यह तो पार्टी है और राहुल जी देश के लिए लड़ रहे हैं। हमारे लोग वहां पहुंच रहे हैं और हौसला अफजाई कर रहे हैं।’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर रीजीजू पर पलटवार करते हुए लिखा, ‘‘जो व्यक्ति रोजाना न्यायपालिका, न्यायाधीशों और पूर्व न्यायाधीशों को धमकाता है और रोजाना इतिहास को तोड़ता-मरोड़ता है। मोदी काल में पाखंड की कोई सीमा नहीं है।’’ रीजीजू ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्रवाई करता है तो वे ईडी दफ्तर का घेराव करना चाहते हैं। जब सीबीआई कार्रवाई करती है तो वे सीबीआई का घेराव करना चाहते हैं। जब अदालत फैसला सुनाती है तो वे अदालत परिसरों का घेराव करना चाहते हैं। इस तरह की गतिविधियां लोकतंत्र को कमजोर करती है और हर भारतीय को इसकी निंदा करनी चाहिए।’’ राहुल गांधी के अदालत जाते समय उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के जाने की योजना को ‘‘एक परिवार की चापलूसी’’ करार देते हुए रीजीजू ने प्रश्न किया कि क्या परिवार देश से ऊपर है? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपील दाखिल करने सूरत जा सकते हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए किसी दोषी का व्यक्तिगत रूप से जाना जरूरी नहीं होता। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आमतौर पर कोई दोषी व्यक्तिगत रूप से नहीं जाता। अनेक नेताओं और सहयोगियों के साथ उनका व्यक्तिगत रूप से जाना केवल नौटंकी है। राहुल गांधी जो कर रहे हैं, वह अपीलीय अदालत पर दबाव बनाने की बचकाना कोशिश भी है। देश में सभी अदालतें इस तरह के तरीकों से मुक्त हैं।’’
No comments