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महंगाई बढ़ने की वजह से पाकिस्तान सरकार परेशान

    इस्लामाबाद । आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में हालात काफी खराब हो चुके हैं। रोजमर्रा जरूरतों की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। पेट्रो...

 

  इस्लामाबाद । आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में हालात काफी खराब हो चुके हैं। रोजमर्रा जरूरतों की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। पेट्रोल से लेकर खाने-पीने तक की चीजों की कीमतों में आग लगी हुई है। महंगाई काफी होने की वजह से जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के अनुसार, नींबू की कीमतें 200 पाकिस्तानी रुपये प्रति 250 ग्राम चल रही हैं। इस हिसाब से एक किलो नींबू इस समय पाकिस्तान के कई शहरों में लगभग 800 पाकिस्तानी रुपये में बिक रहा है। वहीं, लहसुन की बात करें तो यह 160 पाकिस्तानी रुपये में 250 ग्राम की दर से मिल रहा है। एक किलो लहसुन की कीमत 640 पाकिस्तानी रुपये हो गई है। इसके अलावा, टमाटर की कीमतों की बात करें तो यह 120 रुपये किलो मिल रहा है, जबकि फुटकर में करेला भी इतने रुपये में बिक रहा है। वहीं, तरोई की कीमत 140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। कुछ दिनों पहले तक 350 रुपए किलो बिकने वाला कचनार अब 600 रुपए किलो बिक रहा है। पड़ोसी देश में सिर्फ सब्जियों के दाम ही आसमान नहीं छू रहे, बल्कि फलों की कीमतों में भी आग लगी हुई है। कुछ दिनों पहले तक 70 रुपये किलो बिकने वाला खरबूजा अब 250 रुपये किलो बिक रहा है। केला 100 रुपए दर्जन जिसकी कीमत थी, वह अब 250 रुपए में मिल रहा है। इसके अलावा, 50 रुपये प्रति 250 ग्राम बिकने वाली स्ट्रॉबेरी बढ़कर 150 रुपये प्रति 250 ग्राम हो गई है। महंगाई के बढ़ने की वजह से पाकिस्तान सरकार भी परेशान है। जनता में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। रोटी बनाने के लिए लगने वाले आटे के लिए भी हाहाकार मचा हुआ है। लोग एक-एक किलो आटे के लिए तरस रहे हैं। वहीं, पिछले कुछ दिनों में मुफ्त राशन या फिर आटा लेने के लिए लोगों की लंबी लाइनें देखी गई हैं। बीते दिन ही कराची में मुफ्त राशन के बंटवारे के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी धीरे-धीरे कम हो गया है और अब कुछ ही समय के लिए बचा है। पड़ोसी कर्ज पाने के लिए इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन संस्था ने कई शर्तें रखी हैं। इस वजह से भी पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन-पर-दिन और खराब हो रही है।


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