भिलाई। लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल सुपेला में मरीजों को अपौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है। ठेकेदार ने खाने का टेंडर लेने के लिए फाइव...
भिलाई। लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल सुपेला में मरीजों को अपौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है। ठेकेदार ने खाने का टेंडर लेने के लिए फाइव स्टार होटल का मेन्यू दिया था, लेकिन हकीकत में सिर्फ दाल, चालव, रोटी सब्जी ही परोसा जा रहा है। यह सब अस्पताल के डाक्टरों की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। यहां ठेकेदार द्वारा मरीजों को पतली दाल, मोटा चावल, रोटी, एक सब्जी और अचार ही दिया जा रहा है। ठेकेदार की सुपरवाइजर नीलम का कहना है कि उनके द्वारा मरीजों को चावल, दाल, सब्जी, रोटी और अचार दिया जा रहा है। यह ठेका महासमुंद के ठेकेदार राजेंद्र चंद्राकर को दिया गया है। उसने मेन्यू में 30 प्रकार की अलग-अलग पौष्टिक चीजें मरीजों को देने का दावा किया है। इस बारे में नीलम का कहना है कि अभी उन्हें ठेका संचालित करते एक महीना ही हुआ है। कोशिश कर रहे हैं कि अगले महीने से कुछ चीजें और दी जाएं। उनका कहना है कि जहां उन्होंने किचन बनाया है वहां अंडा, मछली, चिकन नहीं बनाने दिया जा रहा है। किचन शिफ्ट होने के बाद ये चीजें दी जाएंगे। टेंडर शर्त के मुताबिक ठेकेदार को प्रसूता वार्ड में खाना देने के लिए एक मरीज के पीछे 250 रुपए और जनरल वार्ड में 150 रुपए दिया जाना है। इर दर पर उसे क्या-क्या देना है यह भी टेंडर में दिया गया है। ठेकेदार ने टेंडर पाने के लिए इतनी चीजें देने का दावा किया है, जो कि शायद 300-400 रुपए के रेट में भी संभव नहीं है। टेंडर पाने के बाद ठेकेदार अब प्रसूता और जनरल वार्ड सभी जगह एक ही खाना परोस रहा है, जो कि पौष्टिक भोजन नहीं है। ठेकेदार ने टेंडर लेने के लिए मेन्यू में दर्शाया है कि वो मरीजों को बोतल बंद मिनरल वाटर देगा। इतना ही नहीं खाने में प्रसूता महिलाओं को छेवरिया लड्डू, हर दिन जूस, काजू, किशमिश, बादाम, हफ्ते में दो बार नानवेज और अंडा करी या मटर पनीर की सब्जी, हर दिन नाश्ते में अंकुरित चना और मूंग, सेव, केला, अंगूर संतरा, नारियल पानी, तीन टाइम खीर, गुलाब जामुन, अचार, पापड़, सलाद, खाने में तीन प्रकार की सब्जी, रोटी या पूड़ी, दूध, चाय, बिस्किट या मरीज जो भी खाने में मांगेगा दिया जाएगा। इतना ही नहीं जब मरीज हास्पिटल से डिस्चार्ज होगा तो उसे मिठाई का डिब्बा भी दिया जाएगा। ठेकेदार ने अस्पताल में सिर्फ खाना का टेंडर लिया है, लेकिन उसने अपने मेन्यू में दावा किया है कि वो नवजात बच्चों को नए कपड़े, डायपर, गिफ्ट, प्रसूताओं को सेनेटरी पैड देगा। अस्पताल में डिलिवरी होने पर नवजात बच्चे को नए कपड़े भी उसी के द्वारा दिया जाएगा। न्यूनतम दर पर मच्छरदानी दी जाएगी। इसके अलावा सभी मरीजों को साबुन, सेनेटाइजर, ब्रश, टूथपेस्ट और हेयर आयल भी देगा। ठेकेदार के पास खाना बनाने के लिए कोई स्थाई किचन नहीं है। वो एक किराये से जगह लेकर वहां भोजन तैयार करवा रहा है। जबकि उसने टेंडर शर्त में दावा किया है कि वो किचन हाइटेक बनाएगा। हर तीन माह में किचन को ह्वाइट वाश और रंग रोगन कराएगा। स्वयं के व्यय से मैकेनाइज किचन बनाएगा। किचन के कर्मचारियों को प्रापर ड्रेस, ग्लब्स, हेड कैप और एप्रन देगा। मरीजों ने कहा सादा खाना छोड़ नहीं दिया जाता कुछ इस बारे में अस्पताल में भर्ती मरीजों ने कहा कि उन्हें भोजन में दाल, चावल सब्जी, रोटी के अवाला कुछ भी नहीं दिया जा रहा है।
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