गरियाबंद। तेंदुआ का शावक आखिरकार अपनी मां से मिल गया। तेंदुए के शावक को मां से मिलाने में वन अमला सफल हुआ। दरअसल, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज...
गरियाबंद। तेंदुआ का शावक आखिरकार अपनी मां से मिल गया। तेंदुए के शावक को मां से मिलाने में वन अमला सफल हुआ। दरअसल, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्राम गनियारी में बीते 2 मई को तेंदुआ का शावक मिला था। जिसके बाद सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच शावक को अपने कब्जे में ले लिया था। वन विभाग के अधिकारियों ने मादा तेंदुआ के आसपास होने की आशंका जताई थी। वहीं आज गुरूवार को मादा तेंदुआ आ कर दो दिन पहले मिले शावक यानी अपने बच्चे को ले गई। इसकी पुष्टि रेंजर एस. दी.दीवान ने की। बता दें मादा तेंदुआ और शावक पूरी तरह से सुरक्षित है। यह मामला फिंगेश्वर वन परिक्षेत्र के ग्राम गनियारी का है। रोजगार गारंटी के तहत ग्राम गनियारी में कुछ मजदूर काम रहे थे। इसी दौरान मंगलवार सुबह फिंगेश्वर क्षेत्र के ग्राम गनियारी में मजदूरों ने एक तेंदुए के शावक को देखा था। इसके बाद इसकी जानकारी गांव के सरपंच को दी। इसके बाद सरपंच ने इसकी सूचना वन विभाग के अमले को दी थी। वहीं तेंदुए के शावक मिलने के बाद और उसे अपने कब्जे में रखने के बाद से दिन रात शावक को मां से मिलाने रेस्क्यू किया जा रहा था। इन दौरान वन विभाग ने बताया कि जो शावक मिला है वह डेढ़ महीने का है। गौरतलब है कि वन विभाग के अधिकारियों ने तेदुआ का शावक मिलने के बाद आसपास मादा तेंदुआ के मौजूद होने की आंशका जताई थी। इसलिए तेंदुए के शावक को ग्रामीणों से अलग रखकर वाच किया जा रहा था। साथ ही शावक को मादा तेंदुुए से मिलाने का प्रयास जारी था, क्योंकि शावक की तलाश में मादा तेंदुआ गांव की ओर रुख करते हैं। ऐसे में गांव वालाें को भी अलर्ट किया गया था।
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