रायपुर। अधिकारियों को पता ही नहीं है कि राजधानी रायपुर में फुटपाथ कहां है? ऐसी ही स्थिति न्यायधानी बिलासपुर और औद्योगिक नगरी भिलाई की भी ह...
रायपुर। अधिकारियों को पता ही नहीं है कि राजधानी रायपुर में फुटपाथ कहां है? ऐसी ही स्थिति न्यायधानी बिलासपुर और औद्योगिक नगरी भिलाई की भी है। राजनांदगांव से महासमुंद और अंबिकापुर से बस्तर तक, हालात लगभग एक जैसे हैं। कब्जेबाज दुकानदारों और मोटरवाहनों की होड़ ने पैदल चलने के लिए जगह ही नहीं छोड़ी है। सुरक्षित पैदल चलने का अधिकार देने वाला सुप्रीम कोर्ट का निर्देश प्रदेश के सरकारी दफ्तरों की फाइलों में धूल फांक रहा है और जनता धक्के खा रही है। जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी जवाबदेही स्वीकारने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर रायपुर में करोड़ों रुपये फूंके जाने के बाद भी भरे बाजार में जनता के लिए पैदन चलने का मार्ग नहीं है। पंजाब सरकार ने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए लोगों को सड़क पर सुरक्षित चलने का अधिकार देने वाला आदेश जारी कर दिया है।
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