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रूस के पोत को लेकर दक्षिण अफ्रीका पर दबाव बढ़ा, एएनसी ने पुतिन का ‘स्वागत’ करने की बात की

   केप टाउन: रूस के एक पोत से जुड़े माल संबंधी दस्तावेज जारी करने से इनकार करने के बाद दक्षिण अफ्रीका की सरकार पर बुधवार को दबाव बढ़ गया। अमे...

 

 केप टाउन: रूस के एक पोत से जुड़े माल संबंधी दस्तावेज जारी करने से इनकार करने के बाद दक्षिण अफ्रीका की सरकार पर बुधवार को दबाव बढ़ गया। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि इस पोत के जरिए रूस के लिए हथियार भेजे गए। इस बीच, दक्षिण अफ्रीका में सत्तारूढ़ दल ‘अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस’ (एएनसी) के एक शीर्ष अधिकारी ने यह कहकर रूस के साथ देश के संबंधों पर और सवाल खड़े कर दिए कि पार्टी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा का ‘‘स्वागत’’ करेगी। पुतिन पर युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत में आरोप लगाए गए हैं। एएनसी के महासचिव फिकिले एमबालूला ने बीबीसी को दिए साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने पुतिन के अगस्त में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) आर्थिक समूह के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के संदर्भ में यह बयान दिया। इस साक्षात्कार के कुछ अंश एएनसी के सोशल मीडिया चैनलों पर पोस्ट किए गए। एमबालूला ने कहा, ‘‘यदि एएनसी की बात हो, तो हम राष्ट्रपति पुतिन को हमारे देश में आमंत्रित करना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ब्रिक्स के अहम सदस्य के तौर पर उनका यहां स्वागत करेंगे।’’ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत संधि के हस्ताक्षरकर्ता के रूप में दक्षिण अफ्रीका का यह दायित्व है कि यदि पुतिन देश में प्रवेश करें, तो वह उन्हें गिरफ्तार करे। दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने संकेत दिया है कि अगर पुतिन शिखर सम्मेलन के लिए देश की यात्रा करते हैं तो वह गिरफ्तारी वारंट की तामील नहीं करेगी, हालांकि उसने स्पष्ट रूप से ऐसा नहीं कहा है। एमबालूला ने कहा, ‘‘आपको क्या लगता है कि किसी राष्ट्र प्रमुख को कहीं भी ऐसे ही गिरफ्तार किया जा सकता है?’’’ उन्होंने बीबीसी के साक्षात्कारकर्ता से कहा कि पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पश्चिम का पाखंड है, क्योंकि ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी देशों ने इराक और अफगानिस्तान में अपराध किए, लेकिन किसी भी राष्ट्र प्रमुख को गिरफ्तार नहीं किया गया। दक्षिण अफ्रीका में अमेरिका के राजदूत रूबेन ब्रिगिटी ने दक्षिण अफ्रीका पर रूस को रूसी झंडे वाले मालवाहक पोत ‘लेडी आर’ के जरिए हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया है, जिसे दिसंबर में केपटाउन के निकट नौसैन्य अड्डे में खड़ा किया गया था। रूसी सरकार को हथियार पहुंचाने वाली कंपनी से कथित संबंधों के कारण ‘लेडी आर’ पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए है। बहरहाल, दक्षिण अफ्रीका ने रूस के साथ हथियारों की किसी भी प्रकार की खरीद-फरोख्त किए जाने से इनकार किया है, हालांकि उसने इस संभावना ने साफ इनकार नहीं किया है कि किसी अन्य संस्थान ने ऐसा किया होगा। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने जांच के आदेश दिए हैं। दक्षिण अफ्रीका के मुख्य विपक्षी दल ‘डेमोक्रेटिक अलायंस’ ने सरकार को चुनौती दी है कि यदि उसने कुछ गलत नहीं किया है, तो वह ‘लेडी आर’ से भेजे गए माल की सूची जारी करे।

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