नई दिल्ली: ओडिशा का बालासोर ट्रेन हादसा आखिर क्यों हुआ? इस हादसे की वजह क्या थी? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं. इस ट्रेन...
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दिल्ली: ओडिशा का बालासोर ट्रेन हादसा आखिर क्यों हुआ? इस हादसे की वजह
क्या थी? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं. इस ट्रेन हादसे में
अभी तक 278 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. इस बीच सीबीआई ने
हादसे की जांच भी शुरू कर दी है. सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने बालासोर
ट्रेन दुर्घटना स्थल का सोमवार को दौरा किया और अपनी जांच शुरू की. रेलवे
के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. खुर्दा रोड मंडल के डीआरएम आर रॉय ने कहा
कि उनकी जानकारी के अनुसार, सीबीआई जांच शुरू हो गई है लेकिन विस्तृत विवरण
अभी उपलब्ध नहीं है. रेलवे बोर्ड ने रविवार को हादसे की सीबीआई जांच की
सिफारिश की थी. यह मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 337, 338,
304ए (लापरवाही से मौत) और 34 (सामान्य मंशा) और धारा 153 (रेलवे यात्रियों
के जीवन को खतरे में डालने वाली गैरकानूनी और लापरवाही भरी कार्रवाई) और
रेलवे अधिनियम 154 और 175 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत दर्ज किया गया
था. रेलवे ने ओडिशा ट्रेन हादसे में रविवार को एक तरह से चालक की गलती और
प्रणाली की खराबी की संभावना से इनकार किया तथा संभावित ‘तोड़फोड़’ और
‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली से छेड़छाड़ का संकेत दिया था. हालांकि,
अभी तक आधिकारिक तौर हादसे की वजह सामने नहीं आई है.
12 पार्टियों ने रेल मंत्री से इस्तीफा मांगा, सीबीआई जांच को किया खारिज
ओडिशा
के बालासोर ट्रेन हादसे की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच को
खारिज करते हुए कांग्रेस सहित 12 राजनीतिक दलों की राज्य इकाइयों ने सोमवार
को विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के
इस्तीफे की मांग की ताकि निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त हो सके. कांग्रेस,
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
(माकपा), भाकपा(माले) लिबरेशन, भाकपा(माले) रेड स्टार, अखिल भारतीय फॉरवर्ड
ब्लॉक, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस
पार्टी (राकांपा), आरपीआई, आम आदमी पार्टी (आप) और समता क्रांति दल आदि ने
यहां एक संयुक्त बैठक की. बैठक में यह कहते हुए एक प्रस्ताव पारित किया कि
उन्होंने सीबीआई द्वारा जांच को खारिज कर दिया और केंद्रीय एजेंसी पर
‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम करने’ का आरोप लगाया.
उन्होंने मांग की कि अदालत की निगरानी में एसआईटी द्वारा मामले की जांच
कराई जाए.
रिले रूम के लिए ‘डबल लॉकिंग व्यवस्था’ हो सुनिश्चित
ओडिशा
ट्रेन दुर्घटना के लिए प्रारंभिक जांच में ‘सिग्नल में व्यवधान’ का संकेत
मिलने के बाद रेलवे ने अपने जोनल मुख्यालयों को निर्देश दिया है कि ‘स्टेशन
रिले रूम’ और सिग्नलिंग उपकरण के कक्ष में ‘डबल लॉकिंग व्यवस्था’ होनी
चाहिए. पूर्व में, रेलवे अधिकारियों ने शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल
एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी से जुड़े
हादसे के लिए संभावित ‘तोड़फोड़’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली से
छेड़छाड़ का संकेत दिया था. सभी जोन के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में
रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया है कि स्टेशन की सीमा के भीतर सिग्नलिंग उपकरण
की सभी गुमटी पर विशेष ध्यान देने के साथ एक सुरक्षा अभियान तुरंत शुरू
किया जाना चाहिए. बोर्ड ने कहा कि जांच के साथ सुनिश्चित किया जाना चाहिए
कि उनके पास ‘डबल लॉकिंग व्यवस्था’ हो. बोर्ड ने कहा कि स्टेशनों के सभी
रिले रूम की जांच की जानी चाहिए और ‘डबल लॉकिंग व्यवस्था’ का समुचित कार्य
सुनिश्चित किया जाना चाहिए. बता दें कि कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम
करीब सात बजे ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे इसके
(कोरोमंडल एक्सप्रेस के) अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी समय वहां से
गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे
कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए। इस हादसे में कम से कम 278
लोगों की जान चली गई.
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