धमतरी। सीतानदी-उदंती अभ्यारण के जंगल में शिकार का मामला सामने आया है। गुलेल मारकर दुर्लभ इंद्रधनुषी गिलहरी का शिकार करने के आरोप में वन...
धमतरी। सीतानदी-उदंती अभ्यारण के जंगल में शिकार का मामला सामने आया है। गुलेल मारकर दुर्लभ इंद्रधनुषी गिलहरी का शिकार करने के आरोप में वन विभाग की टीम ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपित स्थानीय है। मांस खाने के लिए इंद्रधनुषी गिलहरी का शिकार कर रहे थे। केरल और तमिलनाडु में पाई जाने वाली इंद्रधनुषी गिलहरी (इंडियन जायंट गिलहरी) सीतानदी- उदंती अभ्यारण्य के धमतरी जिले के जंगल में भी है। इसका बायोलाजिकल नाम राटुफा इंडिका है। यह विलुप्ति की कगार पर है। स्थानीय लोग इस गिलहरी का मांस खाने के लिए इसका शिकार कर रहे हैं। वन विभाग की पेट्रोलिंग टीम ने शिकार कर लौट रहे ग्राम बिरनासिल्ली के सात लोगों को वन्य प्राणियों के कोर जोन ग्राम आमगांव के पास पकड़ा । आरोपितों में दो नाबालिग भी शामिल हैं। पकड़े गए शिकारियों की तलाशी ली गई, तो उनके थैले से गुलेल, गुल्ला, पानी बाटल, टार्च, टीन (गंजी), ढक्कन सहित माचिस और गिलहरी का कच्चा मांस जब्त हुआ। पूछताछ में आरोपितों ने वन विभाग को बताया कि वे आठ से अधिक बड़ी गिलहरी का गुलेल से मारकर शिकार कर चुके हैं। शिकार के बाद गिलहरी का मांस खाने के लिए आपस में बांट लिया था। वन विभाग ने संरक्षित जीव इंद्रधनुषी गिलहरी के शिकार का का प्रकरण पंजीबद्ध कर सभी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपित नोमेश 20 वर्ष, अरविंद 22 वर्ष, कांशीराम 20 वर्ष, सुरेन्द्र 23 वर्ष और केशानाथ 20 वर्ष को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के तहत कार्रवाई कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं दो नाबालिगों को बालक कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। सीतानदी- उदंती अभ्यारण्य के उप निदेशक वरूण जैन ने बताया कि इंद्रधनुषी गिलहरी की लंबाई सिर से पूंछ तक तीन फीट होती है। यह गिलहरी पूरी तरह से शाकाहारी होती है। यह विलुप्ति की कगार पर है। अक्सर यह गिलहरी सुबह और शाम के समय देखी जाती है। अभ्यारण क्षेत्र में इसकी संख्या बमुश्किल 200 के आसपास है।
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