काशीपुर। उत्तराखंड के काशीपुर में बीमारी के कारण आर्थिक तंगी से आहत एक आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.इंद्रेश शर्मा ने पत्नी संग नशे का इंजेक्शन ...
काशीपुर। उत्तराखंड के काशीपुर में बीमारी के कारण आर्थिक तंगी से आहत एक आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.इंद्रेश शर्मा ने पत्नी संग नशे का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि सैनिक कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर की पत्नी पिछले 12 सालों से कैंसर से जूझ रही थीं। जिसके महंगे इलाज के चलते डॉक्टर की लाखों रुपये की जमा पूंजी खत्म हो चुकी थी। फीस न दे पाने के कारण 12 वर्षीय बेटे का स्कूल भी तीन साल पहले छुड़वा दिया था। पुलिस ने घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें चिकित्सक ने आत्महत्या के लिए स्वयं को ही जिम्मेदार ठहराया है। मूल रूप से देहरादून निवासी डॉ.इंद्रेश शर्मा (50) पुत्र रामनाथ शर्मा करीब 15 साल से काशीपुर की सैनिक कॉलोनी में किराये के मकान में पत्नी वर्षा शर्मा और 12 वर्षीय पुत्र ईशान के साथ रहते थे। डॉ.शर्मा कृष्णा अस्पताल में बतौर इमरजेंसी डॉक्टर काम करते थे। बुधवार सुबह डॉ.शर्मा और उनकी पत्नी वर्षा के शव संदिग्ध हालात में बिस्तर पर मिले। उनका पुत्र ईशान जब सुबह उठा तो काफी देर तक मम्मी-पापा के नहीं उठने पर उसने इसकी जानकारी पड़ोसियों को दी, तब पता चला कि दोनों की मौत हो चुकी है। इसके बाद पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर एएसपी अभय सिंह, आईटीआई थाना प्रभारी एके सिंह समेत पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर पति-पत्नी की लाशों को कब्जे में लिया। बेड के पास खाली वॉइल और सीरिंज के साथ ही एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में डॉ.शर्मा ने अपने जीवन को खुद खत्म करने की बात लिखी है। वहीं, बेटे ईशान ने बताया कि उसकी मां 12 साल से कैंसर से पीड़ित थी। बीमारी और कोरोना के चलते परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। डॉक्टर और उनकी पत्नी का पैनल के जरिए पोस्टमार्टम कराया गया। बताया जा रहा है कि एनेस्थीसिया की ओवरडोज के चलते डॉक्टर और उनकी पत्नी की जान गई।
बेटे को ठग बचाई जान
डॉक्टर के बेट ने सबसे पहले उसे इंजेक्शन लगाने की जिद पकड़ ली थी।
हालांकि, उन्होंने बेटे को दूसरा कोई इंजेक्शन लगाया जिससे उसकी जान नहीं
गई। वह गहरी नींद में सो गया और सुबह उसकी आंख खुली तो माता-पिता की मौत हो
चुकी थी।
फीस नहीं दे पाने पर बेटे का छुड़वा दिया था स्कूल
बताया जा रहा है कि पत्नी के इलाज के लिए उन्होंने कई लोगों से कर्ज भी
लिया था। पत्नी को वह अपना ब्लड भी देने लगे। काफी बार ब्लड देने के कारण
वह भी बीमार रहने लगे। आर्थिक स्थिति ऐसी बिगड़ी की वर्ष 2020 में उन्होंने
इकलौते बेटे ईशान की पढ़ाई भी छुड़वा दी। धीरे-धीरे डॉक्टर शर्मा तनाव में
रहने लगे थे।
पुलिस ने क्या कहा
एएसपी अभिय सिंह ने कहा कि चिकित्सक के घर से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें
स्वयं जीवन को समाप्त करने की बात लिखी गई है। प्रथम दृष्टया पति-पत्नी
दोनों बीमार थे। संभवत दबाव के चलते यह निर्णय लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट
से स्थिति साफ होगी।
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