प्रयागराज । प्रयागराज में लोगों के सामने लाइव एनकाउंटर हुआ है। परेड मैदान पर सरेशाम बदमाशों और पुलिस के बीच फायरिंग हुई। भीड़भाड़ वाले इलाक...
प्रयागराज । प्रयागराज में लोगों के सामने लाइव एनकाउंटर हुआ है। परेड मैदान पर सरेशाम बदमाशों और पुलिस के बीच फायरिंग हुई। भीड़भाड़ वाले इलाके में धांय-धांय गोलियां चलीं। अफरातफरी में बदमाशों की कार खंभे से टकरा गई और एक बदमाश को गोली भी पुलिस ने मारी। इसके बाद पुलिस बदमाशों को अपनी गाड़ी में लादकर लेकर गई और बदमाशों की कार वहीं छोड़ दिया। बदमाशों की कार के साथ एक स्कार्पियो भी वहीं पड़ी मिली। यह सब प्रयागराज में हुआ और प्रयागराज पुलिस अनजान रही। करीब दो घंटे बाद पता चला कि बदमाशों के साथ एनकाउंटर रायबरेली से आई पुलिस ने किया है। इसे लेकर अब प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा नाराज हो गए हैं। एसपी रायबरेली से रिपोर्ट मांगी है। रायबरेली में भी मामले की जांच शुरू हो गई है। जीपीएस से लोकेशन ट्रेस कर बदमाशों की कार का पीछा कर रही रायबरेली एसओजी की प्रयागराज परेड मैदान पर बदमाशों का सामना हो गया। बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की तो एसओजी ने भी जवाबी फायरिंग की। एक बदमाश को गोली भी लगी। इसी दौरान बदमाशों की कार खंभे से टकरा गई। एसओजी ने कुछ ही मिनटों में सफेद कार सवार बदमाशों को दबोचा और अपनी एसयूवी में लाद लिया और निकल गए। खंभे से टकराई बदमाशों की कार वहीं छोड़ दी। प्रयागराज पुलिस को इसकी सूचना देना भी गंवारा नहीं समझा। बाद में प्रयागराज के दारागंज थाने की पुलिस कार को क्रेन से खींचकर ले गई। बदमाशों की कार के पीछे ही एक काली स्कॉपियों भी लावारिस मिली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि काली कार से भी बदमाशों का पीछा किया जा रहा था। सादे लिबास में स्कॉर्पियों में बैठे लोगों ने भी फायरिंग की थी। स्कॉपियो पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष का बोर्ड लगा था। इसके साथ ही उस पर विधायक का स्टीकर लगा था। संगम के पास परेड मैदान पर सरेशाम शूटआउट से खलबली मची। गाड़ी खंभे से टकराने, फायरिंग की आवाज सुनकर बहुत सारे लोग जमा हो गए। खबर पाकर प्रयागराज के पुलिस अधिकारी भी पहुंच गए। काफी देर तक प्रयागराज पुलिस समझ ही नहीं पाई कि हुआ क्या है। घटना के दो घंटे बाद पुलिस को पता चला कि रायबरेली एसओजी ने बदमाशों का पीछा किया था और उसे पकड़ कर ले गए। आईपीएस चिराग जैन के मुताबिक, ट्रक लूट के मामले में दो बदमाश रायबरेली में वांछित थे। एसओजी रायबरेली उनका पीछा करते हुए पहुंची। काली स्कॉपियो से भी पुलिसकर्मी थे। सरेआम शूटआउट के मामले में रायबरेली पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई। बदमाशों के पीछे लगी एसओजी ने प्रयागराज पुलिस को बताने की जहमत नहीं उठाई। घेराबंदी ऐसे इलाके में की जहां शाम को शहर के लोग आते जाते रहते हैं। घटना के बाद जब कार टकरा गई। बदमाश पकड़े गए तो भी अफसरों को न बताकर बदमाशों को लाद ले गए। कार को लावारिस छोड़ दिया। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस कमिश्नर को नाराजगी दिखाई। प्रयागराज पुलिस को सूचना न देना, गाड़ियों को लावारिस हालत में छोड़ जाने का मामला तूल पकड़ा। लखनऊ के आला अफसरों ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए रायबरेली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। अब रायबरेली की एसओजी और थाना प्रभारी की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मामले में जांच पूरी होने के बाद लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी। रायबरेली पुलिस जिन बदमाशों को प्रयागराज से पकड़ कर ले गई उनके बारे में भी पूरी जानकारी अब तक नहीं दी गई है। पुलिस कितनी गाड़ियों से थी। सफेद एक्सयूवी पर पुलिसकर्मी थे तो काली स्कॉपियो में कौन थे। उस कार को क्यों छोड़ा गया। फायरिंग की नौबत कैसे आई, इन्हीं सारी बातों को लेकर जांच हो रही है। परेड मैदान पर लाइव मुठभेड़ का कई लोगों ने वीडियो भी बना लिया था। अब पुलिस उन वीडियो को हासिल करने में लगी है।
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