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दुष्कर्म का आरोपित हथकड़ी को खिसका भाग निकला

 अंबिकापुर ।  उपचार के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल अंबिकापुर के जेल वार्ड में भर्ती दुष्कर्म का आरोपित विचाराधीन बंदी गुरुवार देर रात हाथ से हथ...


 अंबिकापुर ।  उपचार के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल अंबिकापुर के जेल वार्ड में भर्ती दुष्कर्म का आरोपित विचाराधीन बंदी गुरुवार देर रात हाथ से हथकड़ी को निकाल कर भाग निकला। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने फरार बंदी की तलाश की लेकिन उसका पता नहीं चला। इस घटना से अस्पताल के जेल वार्ड की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। कहने को तो यहां एक-चार का गार्ड तैनात रहता है लेकिन वास्तविकता कुछ और है। बहरहाल इस घटना से पुलिस व जेल प्रशासन में हड़कंप मचा है। जानकारी के अनुसार 29 वर्षीय गोपाल रजक पिता राजाराम रजक निवासी ग्राम नवागोठी, जिला बेगुसराय, बिहार, वर्तमान में मनेंद्रगढ़ में रहकर काम करता है। उसे वहां की पुलिस ने दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया था। स्वास्थ्यगत कारणों से उसे 30 मई को अंबिकापुर सेंट्रल जेल दाखिल किया गया था। उसे बवासीर की परेशानी थी। उपचार के लिए उसे मेडिकल कालेज अस्पताल के जेल वार्ड में रखा गया था। गुरुवार देर रात करीब 12 बजे बिस्तर में बंधी हथकड़ी को कलाई से खिसका कर पिछले दरवाजे से बाहर निकल गया। सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी को इस घटना के बारे में कुछ देर बाद पता चला। इसकी सूचना मणिपुर थाना में दी गई। पुलिस ने अस्पताल परिसर और आसपास उसकी तलाश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। केंद्रीय जेल अंबिकापुर से गंभीर रूप से बीमार या स्वास्थ्यगत कारणों से बंदी व कैदी को मेडिकल कालेज अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती कराया जाता है। पहले जेल वार्ड जिला अस्पताल के पुराने सर्जिकल वार्ड में था। वहां जगह छोटी होने के कारण उसे करीब एक माह पहले महिला अस्पताल के नकीपुरिया वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। यहां भी सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही बरती मही जिस कमरे को जेल वार्ड का रूप दिया गया वहां से दूसरे वार्डों के आने-जाने का रास्ता गलियारे से होकर था। जेल वार्ड में रहने वाले कैदी, बंदी शौच या स्नान के लिए बाहर गलियारे में बने बाथरूम का ही उपयोग करते हैं। इससे लगे दो और वार्ड के मरीज भी इसी बाथरूम का उपयोग करते हैं। जेल वार्ड के मापदंड और सुरक्षा की दृष्टि से इसे ठीक नहीं कहा जा सकता। जेल प्रशासन के अनुसार दुष्कर्म के मामले में विचाराधीन बंदी गोपाल रजक को बवासीर की समस्या थी। उसे परेशानी होने के कारण मनेंद्रगढ़ जेल से अंबिकापुर उपचार के लिए भेजा गया था। मेडिकल कालेज अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती होने के बाद उसकी जांच की गई। जांच के बाद आपरेशन के लिए बंदी ने सहमति भी दे दी थी उसका एक-दो दिन में आपरेशन भी होना था, इससे पहले वह सुरक्षाकर्मी को चकमा देकर भाग निकला।

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