रायपुर । हमारी जीवन शैली का अहम हिस्सा है योग। यह आज से नहीं बल्कि कई सालों से हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है, इसी बात को ध्यान में ...
रायपुर । हमारी जीवन शैली का अहम हिस्सा है योग। यह आज से नहीं बल्कि कई सालों से हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए और योग को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने “हर घर आंगन योग” करने की अपील की है। योग हमारे मन में सकारात्मक भाव पैदा करता है। हमें प्रतिदिन अपने लिए थोड़ा समय निकालकर योग करना चाहिए। पूरी दुनिया ने योग के महत्व को माना है, ताकि नई पीढ़ी हमारी इस सांस्कृतिक परंपरा को आगे ले जाने का काम करें। देश सहित प्रदेश में 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाएगा। इसे बड़े स्तर पर मनाने की तैयारियां चल रही हैं। प्रदेश में भी इस अवसर पर कार्यक्रम कई होंगे। इसलिए जरुरी है कि इन आयोजनों में हम अधिक से अधिक शामिल होकर योग से स्वस्थ शरीर का संदेश जन जन तक पहुंचाएं। इस अवसर पर उन लोगों से बातचीत करें जिन्होंने योग को अपनाया और अपने जीवन में बदलाव लाए। सभी लोग योग का संदेश जन-जन तक ले जाएं, ताकि हर व्यक्ति योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन पा सकंे। इसके साथ ही हमने योग के कुछ ऐसे आसनों की जानकारी भी जुटाई जिन्हे आप बड़ी आसानी से कभी भी कहीं भी कर सकते हैं।
सरल आसन -
आसन और प्राणायाम के दौरान हाथों की उंगलियों को अलग-अलग मुद्राओं में
रखने की सलाह दी जाती है। इसके भी मायने गहरे हैं। मानव शरीर का निर्माण
पंचतत्वों से मिलकर हुआ है। हमारी पांचों उंगलियां इन्हीं तत्वों का
प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए आसन के दौरान अपनाई जाने वाली अलग-अलग मुदाएं
(ध्यान, वायु, शून्य आदि) पंचतत्वों की मात्रा का संतुलन बनाए रखने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
भारतीय शैली के आसन बहुत लाभकारी हैं। इनमें तीन तरीक़े प्रचलित हैं-
1. सुखासन:- सुखासन पर धरती से सम्पर्क में होने के कारण
शरीर की नकारात्मक ऊर्जा धरती में स्थानांतरित हो जाती है। गुरुत्वाकर्षण
के प्रभाव के चलते रक्तसंचार अच्छी तरह होता है। पैरों में थकान नहीं होती,
मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और घुटने व पैर दर्द की शिकायत का नहीं होती।
2. वज्रासन:- इस स्थिति में शरीर का रक्त संचार हृदय से
पेट तक अच्छी तरह से होता है। पेट सम्बंधी विकार दूर करने और पाचन तंत्र को
मजबूत बनाने में कारगर है यह आसन, इसलिए खाने के तुरंत बाद कम से कम 15
मिनट वज्रासन में बैठने की सलाह दी जाती है।
3. पद्मासन:- इस स्थिति में शरीर का परिपथ पूरा होता है और सुखासन और पद्मासन के मिश्रित लाभ मिलते हैं।
शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए योगाभ्यास को महत्वपूर्ण माना गया है। यह शरीर की क्रिया-प्रणाली को दुरुस्त कर विकार की आशंकाओं को कम कर देता है, इसलिए अनेक बीमारियों से राहत के लिए भी कई आसनों का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है। के कई लाभ है इनमें निरोगी व सुंदर काया के लिए रक्तसंचार अहम है और योग शरीर की प्रत्येक कोशिका तक रक्त पहुंचाने में मदद करता है। वात, पित्त, कफ़ जैसे तत्वों को शरीर से निकालने में सहायक है। शरीर को लचीला बनाने में सहायक है, जिससे कार्यक्षमता बढ़ती है। शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में विकास होता है।
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