नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका (Rahul Gandhi US Visit) की यात्रा पर हैं और वहां से उनके एक के बाद एक बयान जारी हो रहे हैं। त...
नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका (Rahul Gandhi US Visit) की यात्रा पर हैं और वहां से उनके एक के बाद एक बयान जारी हो रहे हैं। ताजा बयान मुस्लिम लीग पर है। राहुल ने वॉशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सवाल पूछे जाने पर कहा, मुस्लिम लीग (IUML) पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। मुस्लिम लीग के बारे में कुछ भी गैर-धर्मनिरपेक्ष नहीं है। राहुल गांधी से केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल पूछा गया था। राहुल ने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति ने यह सवाल पूछा है, उसने मुस्लिम लीग को पढ़ा ही नहीं है। भाजपा ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को इतिहास ठीक से पढ़ लेना चाहिए। मुस्लिम लीग का सीधा संबंध जिन्ना से है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा, जिन्ना की मुस्लिम लीग, जो धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार पार्टी है, राहुल गांधी के अनुसार एक 'धर्मनिरपेक्ष' पार्टी है। राहुल गांधी को भले ही इतिहास की कम समझ हो, लेकिन विदेश में जाकर कपटी और कुटिल बातें करना ठीक नहीं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव पर राहुल गांधी ने दावा किया कि विपक्ष पूरी तरह एकजुट है और अगले आम चुनावों में चौंकाने वाले नतीजे आएंगे। बकौल राहुल, 'मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी अगले दो वर्षों में बहुत अच्छा करेगी। अंदरखाने कांग्रेस की स्थिति मजबूत होती जा रही है। मुझे लगता है परिणाम लोगों को आश्चर्यचकित करेगा।'इससे पहले कांग्रेस नेता ने गुरुवार को कहा कि भारत में विपक्ष काफी अच्छी तरह एकजुट है और जमीनी स्तर पर कई अच्छे काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में एक छिपी हुई अंडरकरंट बन रही है और यह अगले आम चुनाव में लोगों को चकित कर देगी। वॉशिंगटन में नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में राहुल ने कहा, मुझे लगता है कि अगले दो वर्षों में कांग्रेस काफी अच्छा करेगी। कर्नाटक चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, अगले तीन या चार राज्यों के विधानसभा चुनावों का इंतजार कीजिए और देखिए.. जो आगे होने वाली चीजों का बेहतर संकेतक होंगे। विपक्षी एकता पर राहुल ने कहा, मेरा मानना है कि वे और ज्यादा एकजुट हो रहे हैं। हम सभी विपक्षी दलों से बात कर रहे हैं। यह काफी जटिल बातचीत है क्योंकि कुछ जगहों पर हम भी एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इसलिए यह कुछ हद तक जरूरत के मुताबिक लेन-देन है। लेकिन मुझे विश्वास है कि यह होकर रहेगा।
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