Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

पीने के पानी से लेकर सिंचाई तक, उत्तरी राज्यों में नहीं होगा जल संकट

देहरादून । देश के उत्तरी-पूर्वी राज्यों के लिए बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज...

देहरादून । देश के उत्तरी-पूर्वी राज्यों के लिए बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में आने वाले दिनों पानी की कमी नहीं होगी। पीने के पानी लेकर किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी के बाद ग्लेशियर रिचार्ज हो गए हैं। ऐसे में अब नदियों में जल प्रवाह भरपूर होगा, जिससे पानी की कमी पूरी हो सकेगी। उत्तराखंड में मई के आखिरी पखवाड़े एवं जून की शुरूआत में गर्मियों के दिनों में अच्छी बारिश और बर्फबारी हो रही है। इससे ग्लेशियरों बेहतर तरीके से रिचार्ज हो गए हैं।  अब गंगा और यमुना नदी में अच्छा पानी मिलेगा और नदियां लबालब रहेगी। मौसम विज्ञानियों एवं वाडिया के वैज्ञानिकों ने ऐसे आसार जताए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि जून में सामान्यत: चार से साढ़े चार हजार मीटर की ऊंचाई पर बर्फबारी होती है। इस बार ज्यादा बारिश एवं कम तापमान की वजह से 3500 मीटर ऊंचाई तक भी बर्फ पड़ी है। तापमान कम होने से बर्फ नहीं पिघल रही है, जब तापमान बढ़ेंगे तो अच्छा पानी नदियों को मिलेगा। 

वाडिया के वैज्ञानिक बोले: ग्लेशियर ग्रो होने में मिल रही मदद   
वाडिया के वैज्ञानिक डॉ.मनीष मेहता ने कहा कि इस बार निचले हिमालयी क्षेत्रों में गर्मियों में भी बर्फबारी जारी है। इससे ग्लेशियर की स्थिति सुधरी है। यह समय बर्फ पिघलने, ग्लेशियर पिघलने का समय मानते हैं। तापमान कम होने से मेल्टिंग रेट कम है। कह सकते हैं कि ग्लेशियर को ग्रो करने में मदद मिल रही है। नदियों में इस समय भी पानी भी कम है। इस समय पानी बढ़ना चाहिए। वाडिया के निदेशक डॉ.कालाचांद सांई ने बताया कि गंगोत्री समेत अन्य ग्लेशियरों की सेहत पिछले सालों के अपेक्षाकृत कुछ ठीक है। इस समय ग्लेशियरों को बर्फ मिलेगी तो उसका फायदा आगे तक रहेगा। प्राकृतिक स्रोत रिचार्ज होते रहेंगे व गंगा-यमुना को भी लगातार पानी मिलता रहेगा।

आठ साल बाद सबसे ठंडा जून 
जून के महीने में भी लोगों को सर्दी का अहसास हो रहा है और कंबल ओढ़ना पड़ रहा है। देहरादून में आठ साल बाद देहरादून का न्यूनतम तापमान सबसे कम दर्ज किया गया है। एक जून को दून का तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 18.2 डिग्री दर्ज किया गया। 2014 में एक जून को 17.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। मई माह में 20 दिन तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किए गए।

No comments