रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। भाजपा के पूर्व विधायकों ने र...
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। भाजपा के पूर्व विधायकों ने राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन से मिलकर उनकी सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावहीन करने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। साथ ही सुरक्षा की व्यवस्था यथावत बहाल करने की मांग की है। इनमें प्रमुख रूप से डा. सुभाऊ कश्यप, भोजराज नाग, लच्छू कश्यप, बैदू कश्यप, पिंकी शिवराज शाह और श्रवण मरकाम शामिल रहे। छत्तीसगढ़ सरकार ने 16 जून 2023 को एक पत्र जारी करते हुए पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम करने का निर्देश दिया है। सरकार ने इस निर्देश को लेकर 22 मई 2023 को प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की बैठक हुई थी। प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की ओर से किए गए अनुशंसा को आधार बनाकर सरकार ने यह निर्णय लिया है। पूर्व विधायकों ने यह आरोप लगाया है कि प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा से प्रदेश की कांग्रेस सरकार खिलवाड़ कर रही है। जिस प्रकार से संवेदनशील क्षेत्रों में राजनीतिक रूप से सक्रिय विपक्षी भाजपा नेताओं की सुरक्षा को कम किया गया है, वह भी किसी राजनीतिक कुनीति और षड्यंत्र की ओर संकेत देता है। प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि भया दोहन कर कांग्रेसी सरकार सत्ता हासिल करना चाहती है। प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को बताया कि अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2023 तक छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में कुल 33 जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक रूप से सक्रिय लोगों की हत्या की गई है। पिछले छह माह में ही भाजपा के चार कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हुई है। इस बीच पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी कर दी गई है जो कि मानवीयता की दृष्टि से अनुचित है।
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