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सीए निकला आनलाइन सट्टे का मास्टमाइंड, तीन थानों से 15 गिरफ्तार

  रायपुर। महादेव और रेड्डी अन्ना आनलाइन बेटिंग एप से सट्टा खिलाने वाले आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सीए इसका मास्टर माइंड निकला।...

 

रायपुर। महादेव और रेड्डी अन्ना आनलाइन बेटिंग एप से सट्टा खिलाने वाले आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सीए इसका मास्टर माइंड निकला। उसके साथ आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से साढे 14 लाख रुपये नकद, 21 नग मोबाइल फोन, पांच नग पासबुक, 12 नग एटीएम कार्ड, 12 नग चेक बुक, तीन नग लैपटाप, दो कम्प्यूटर सिस्टम एवं तीन डायरी जब्त की गई है। आरोपितों ने खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन किया गया। खमतराई थाना पुलिस ने आठ, गुढि़यारी से पांच और तेलीबांधा से दो आरोपितों को पकड़ा गया है। शनिवार को एसएसपी प्रशांत अग्रवाल और एएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने पूरे मामले का राजफाश किया। उन्हाेंने बताया कि इसमें बैंक वालों से भी पूछताछ की जाएगी। जितने नाम सामने आएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रार्थी अरुण जाल ने थाना खमतराई में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह त्रिमूर्ति नगर रायपुर में रहता है। वेल्डिंग का काम करता है। प्रार्थी की पत्नी संगीता जाल रजत अग्रवाल के घर में विगत एक वर्ष पूर्व काम करती थी। जिसके कारण प्रार्थी की पहचान रजत अग्रवाल से हुई थी। रजत अग्रवाल प्रार्थी से करीबन दो माह पूर्व वाल्टियर गेट डीआरएम आफिस के पास मुलाकात कर बोला कि उसे अर्जेन्ट में बैक खाता की जरूरत है। इसमें कुछ दिन लेन-देन करने के बाद वह उसे वापस कर देगा। तब प्रार्थी उस पर विश्वास कर उसके बताए अनुसार अपना पेन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो दिया। रजत अग्रवाल एचडीएफसी बैंक देवेंद्र नगर का फार्म लाकर प्रार्थी से हस्ताक्षर कराकर बैंक खाता खुलवाया। उसकी पत्नी संगीता जाल का भी इसी प्रकार एचडीएफसी बैंक में खाता खुलवाया। पासबुक, एटीएम कार्ड अपने पास रखा और खातों में मोबाइल नंबर भी रजत अग्रवाल ने डलवाया, किसका नंबर डलवाया इस संबंध में प्रार्थी को कुछ नहीं बताया। कुछ दिन बाद रजत ने प्रार्थी को उसके बैंक खाता बंद होने की जानकारी दी। जिस पर प्रार्थी एचडीएफसी बैंक देवेंद्र नगर शाखा जाकर पता किया तो बैंक मैनेजर ने उसके खाते में अत्यधिक पैसों का ट्रांजेक्शन होने से बंद करना बताया गया। रजत अग्रवाल से उक्त बैंक खातों मे हुए ट्रांजेक्शन के बारे मे पूछा तो रजत अग्रवाल द्वारा टाल-मटोल किया जाने लगा। प्रार्थी की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पूछताछ में आरोपित रजत अग्रवाल द्वारा अपने साथी हिमांशु सिंह, मन्टु मांझी, मदन कुमार यादव, मो. उमैर, मोहित टांक, सीए फरहान एवं उपेन्द्र दास के साथ मिलकर उक्त घटना को कारित करना स्वीकार किया गया। सीए फरहान सहित अन्य आरोपित पंडरी स्थित मोवा में बर्न ब्लैक नाम से आफिस का संचालन करते हैं। इसमें उनके द्वारा लोगों को अपने झांसे में लेकर उन्हें लोन दिलाने सहित अनेक लुभावने स्कीम बताकर उनके व्यक्तिगत दस्तावेजों को प्राप्त करते है। अलग-अलग बैंको में लोगों के बिना जानकारी के उनका बैंक खाता खुलवाकर उक्त बैंक खाते से संबंधित सभी दस्तावेज पासबुक, चेकबुक एवं एटीएम कार्ड अपने पास रखकर बैंक खाता में अपने लोगों का मोबाईल नंबर दर्ज करा देते थे। बैंक खाताओं का उपयोग आनलाइन सट्टा के पैसों के लेन-देन के लिए करते थे। 

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