लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार अंसारी के लिए फर्जी दस्तावेजों से एम्बुलेंस के पंजीकरण के मामले में अभियुक्त डॉ. अल्का राय की उस या...
लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार अंसारी के लिए फर्जी दस्तावेजों से एम्बुलेंस के पंजीकरण के मामले में अभियुक्त डॉ. अल्का राय की उस याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में उन्होंने निचली अदालत के आरोप तय किए जाने के आदेश को चुनौती दी थी। न्यायालय ने कहा कि अभियुक्ता के खिलाफ केस चलाए जाने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने डॉ. अल्का राय की याचिका पर पारित किया। याची की ओर से दलील दी गई कि उस पर कूटरचना करने का कोई आरोप न होने के बावजूद धोखाधड़ी और कूटरचना से सम्बन्धित धाराओं में आरोप तय किए गए हैं। याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध किया गया। कहा गया कि याची के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचना से सम्बन्धित धाराओं के साथ साजिश रचने की धारा में आरोप तय हुआ है जिसका आशय है कि याची उक्त अपराध के साजिश में शामिल थी। सरकार की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया कि याची ने किराए के एक मकान को खाली न करने के लिए मुख्तार अंसारी से मदद मांगी थी। इसमें मुख्तार ने उसकी मदद भी की थी। इसके बाद वह मुख्तार अंसारी की करीबी हो गई व उसे राखी भी बांधने लगी। कहा गया कि 31 मई 2013 को जब वह जेल में मुख्तार से मिलने गई तो उससे एम्बुलेंस का प्रबन्ध करने के लिए कहा गया, वह राजी हो गई और उसने अपने श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के दस्तावेज एम्बुलेंस के पंजीकरण के लिए दे दिए। आरोप है कि एम्बुलेंस के पंजीकरण के लिए इस्तेमाल किया गया याची का वोटर आईडी कार्ड फर्जी निकला। दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात न्यायालय ने डॉ. अल्का राय की याचिका को खारिज कर दिया।
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