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चिकित्सा अनुसंधान में शामिल लोगों के हितों एवं अधिकारों का संरक्षण एथिकल कमेटी का परम कर्तव्य

    ''चिकित्सा अनुसंधान में नैतिकता की अनिवार्यता'' पर रायपुर मेडिकल कॉलेज में हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला रायपुर । रायपुर क...

 

 ''चिकित्सा अनुसंधान में नैतिकता की अनिवार्यता'' पर रायपुर मेडिकल कॉलेज में हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला

रायपुर । रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के एथिकल कमेटी द्वारा ‘‘चिकित्सा अनुसंधान में नैतिकता की अनिवार्यता” (Essentials of Ethics in Medical Research)’’ विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस के लिए चिकित्सा अनुसंधान में नैतिकता एवं उत्तरदायित्वों की जानकारी दी गई। कार्यशाला का उद्घाटन संचालक, चिकित्सा शिक्षा डॉ. विष्णु दत्त, पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया, डॉ. भीमराव अम्बेडकर चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. एस.बी.एस. नेताम ने किया।  टाटा मेमोरियल सेंटर बॉम्बे की विशेषज्ञ डॉ. दुर्गा गाडगिल एवं डॉ. मेधा जोशी ने कार्यशाला में बताया कि चिकित्सा अनुसंधान में शामिल किए जाने वाले व्यक्तियों या मरीजों के अधिकारों का संरक्षण करना एथिकल कमेटी का परम कर्तव्य है। चिकित्सा अनुसंधान के नैतिक सिद्धांतों के अंतर्गत मरीजों के हितों, स्वायत्तता, लाभ एवं न्याय के साथ-साथ उनके अधिकारों की सुरक्षा करना एक अनुसंधानकर्ता चिकित्सक के लिए जरूरी है। रिसर्च प्रोटोकॉल का अवलोकन करते समय एथिकल कमेटी के सदस्यों को अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय कानून, नियामक मानदंडों और मानकों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और मानकों पर भी विचार करना चाहिए।  पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय में एथिक्स कमेटी की सचिव एवं एनेस्थेसिया विभाग की प्राध्यापक डॉ. जया लालवानी ने प्रतिभागियों की सहमति एवं गोपनीयता विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि रिसर्च के दौरान दस्तावेजीकरण का बहुत महत्व है। प्रतिभागियों का यह अधिकार है कि वे रिसर्च पर आधारित प्रश्न पूछ सकें। शोध अध्ययन में भाग लेने के दौरान उनसे लिखित सहमति लेना जरूरी है। यदि किसी कारण से वे असहमति भी दें तो उनका सम्मान किया जाना चाहिए। कार्यशाला में डॉ. उषा जोशी ने एथिकल कमेटी के समक्ष रखे गए प्रस्ताव के विश्लेषण के बारे में जानकारी दी। वहीं डॉ. स्निग्धा जैन ने एथिकल कमेटी के संस्थागत मानक प्रचालन प्रक्रिया के बारे में व्याख्यान दिया। इस राज्य स्तरीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बिलासपुर के डीन डॉ. के.के. सहारे तथा राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर के डीन डॉ. रमनेश मूर्ति सहित अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों के डीन भी शामिल हुए।

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