नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर का एक और वीडियो जारी किया है। प्रज्ञान को चंद्र...
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर का एक और वीडियो जारी किया है। प्रज्ञान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सैर करते देखा जा सकता है। एक दिन पहले ही इसरो ने कहा था कि रोवर 'प्रज्ञान' ने चांद की सतह पर लगभग आठ मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है और इसके उपकरण चालू हो गए हैं। अब ताजा वीडियो में यह रोवर शिव शक्ति पाइंट के आसपास घूमता दिखाई दे रहा है। इसरो ने 40 सेकंड का वीडियो साझा करते हुए कहा, "प्रज्ञान रोवर दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में शिव शक्ति पाइंट के आसपास घूम रहा है।" बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि चंद्रयान-3 लैंडर चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर उतरा है, उसका नाम ‘शिव-शक्ति पॉइंट’ रखा जाएगा। वीडियो में देखा जा सकता है कि रोवर प्रज्ञान अपने पहियों के निशान पीछे छोड़ता जा रहा है। इस दौरन उसने एक गड्ढा भी पार किया है। गड्ढे से आगे जाकर रोवर फिर पीछे मुड़कर देखता है। भारत ने बुधवार को तब इतिहास रच दिया जब चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के साथ यह चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ऐसा साहसिक कारनामा करने वाला दुनिया का अब तक का एकमात्र देश बन गया। इसके बाद से इसरो ने कई अपडेट दिए हैं। शुक्रवार को भारतीय स्पेस एजेंसी ने कहा था कि ‘‘सभी नियोजित रोवर गतिविधियों को सत्यापित कर लिया गया है। रोवर ने लगभग आठ मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है। रोवर के उपकरण एलआईबीएस और एपीएक्सएस चालू हैं।’’ इसने कहा कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर पर सभी उपकरण सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं। उपकरण ‘अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर’ (एपीएक्सएस) का लक्ष्य चंद्र सतह की रासायनिक संरचना और खनिज संरचना का अध्ययन करना है। वहीं, ‘लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप’ (एलआईबीएस) चंद्रमा पर लैंडिंग स्थल के आसपास की मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना की पड़ताल के लिए है। वहीं बृहस्पतिवार को कहा था कि लैंडर उपकरण इल्सा, रंभा और चेस्ट को चालू कर दिया गया है। चंद्र सतह तापीय-भौतिकी प्रयोग (चेस्ट) नामक उपकरण चंद्रमा की सतह के तापीय गुणों को मापेगा।
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