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अवैध खनन से दूर-दूर तक लेना-देना नहीं, एनजीटी की जांच कमेटी पर बोले बृजभूषण शरण सिंह

लखनऊ। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को गोण्डा के कुछ गांवों में अवैध खनन में संलिप्तता का दावा करने वाली याचिक...

लखनऊ। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को गोण्डा के कुछ गांवों में अवैध खनन में संलिप्तता का दावा करने वाली याचिका पर जांच के लिए समिति गठित कर दी है। कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के जिले की तरबगंज तहसील के माझारथ जैतपुर और नवाबगंज गांवों में अवैध खनन का आरोप लगा है। इस पर सांसद का भी जवाब आ गया है। भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अवैध खनन में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। सांसद ने एक ट्वीट में कहा कि अवैध खनन से उनका दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ चल रही तमाम बातें झूठी हैं। इससे पहले पहलवानों को यौन शोषण के आरोपों को लेकर बृजभूषण शरण सिंह चर्चा में हैं। उनके खिलाफ मामला दिल्ली में दर्ज कर जांच हो रही है। 

ताजा याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है, हर दिन 700 से अधिक ट्रकों में लादकर लघु खनिजों का अवैध परिवहन, भंडारण किया जा रहा है। करीब 20 लाख घन मीटर वाले लघु खनिजों की अवैध बिक्री की जा रही और क्षमता से अधिक भार से लदे ट्रकों से पटपड़ गंज पुल तथा सड़क को नुकसान पहुंचा है। न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया याचिका में किए गए दावे पर्यावरण से संबंधित सवाल खड़े करते हैं। पीठ ने बुधवार को कहा कि याचिका में किए दावों के मद्देनजर, सच्चाई का पता चलाने के लिए एक संयुक्त समित का गठन किया जाए। एनजीटी ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए सात नवंबर की तारीख तय की है। इस बीच, गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि राजा राम नामक व्यक्ति ने जिले की तरबगंज तहसील में घाघरा तथा सरयू नदियों के तटवर्ती इलाकों में अवैध खनन की शिकायत एनजीटी से की है। इस सिलसिले में गठित जांच समिति में मुझे भी सदस्य बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि हम पूरी प्रतिबद्धता और गहराई से मामले की जांच करेंगे। हालांकि हमें अभी आधिकारिक रूप से आदेश की मूल प्रति प्राप्त नहीं हुई है। शर्मा ने बताया कि गोंडा जिले में काफी समय से अवैध खनन का मामला चल रहा है और 2017 में भी एनजीटी ने कार्रवाई करते हुए एक मामले में भारी जुर्माना लगाया था, मगर मामले की प्रभावी पैरवी न किए जाने के कारण इस पर स्थगनादेश मिल गया था। लचर कार्यप्रणाली के कारण पिछले दिनों गोंडा के खनन निरीक्षक को शासन ने निलम्बित भी कर दिया गया है। 

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