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सरकार ने बनाया मास्‍टर प्‍लान, इस साल नहीं रूला पाएगी प्‍याज की कीमतें

  नई दिल्ली। देश के कई हिस्‍सों में टमाटर के साथ ही प्‍याज के दाम भी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में टमाटर की तरह प्‍याज के दाम न बढ़े इसके लिए कें...

 

नई दिल्ली। देश के कई हिस्‍सों में टमाटर के साथ ही प्‍याज के दाम भी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में टमाटर की तरह प्‍याज के दाम न बढ़े इसके लिए केंद्र सरकार ने बफर स्‍टाक के प्‍याज को मुख्‍य सब्‍जी बाजारों में जारी करना शुरू कर दिया है। दरअसल, टमाटर के दाम बढृने के साथ ही आशंका जताई जाने लगी थी कि अब प्‍याज के बाद भी आसमान छू सकते हैं लिहाजा केंद्र सरकार ने बफर स्‍टाक से प्‍याज जारी करने का फैसला लिया है। बता दे कि इस संबध में नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशकों के साथ खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बैठक ली। जिसमें ऐसे क्षेत्रों में बफर स्‍टाक से प्‍याज सप्‍लाइ करने का फैसला किया गया है, जहां प्‍याज की कीमत औसत कीमतों से अधिक है। साथ ही ई-नीलामी के माध्यम से निपटान और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर खुदरा बिक्री का भी पता लगाया जा रहा है। विज्ञप्ति के अनुसार पिछले चार सालों में प्‍याज का बफर स्‍टाक तीन गुना बढ़ा है। जहां वर्ष 2020-21 में बफर स्‍टाक 1.00 लाख मीट्रिक टन था, तो वहीं 2023-24 में यह 3.00 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया। गौरतलब है कि रबी प्‍याज की कटाई अप्रैल-जून के दौरान की जाती है जो कि कुल मांग का 65 प्रतिशत है, वहीं अक्टूबर-नवंबर में खरीफ प्‍याज की कटाई होती है, जो कि उपभोक्ता की मांग को पूरा करता है। बता दे कि वर्ष 2022-23 में सरकार ने 2.51 लाख टन प्याज बफर स्टॉक के तौर पर रखा था, जबकि 2023-24 सीजन में सरकार ने बफर स्टॉक के रूप में 3 लाख टन प्याज रखने का फैसला किया है। दरअसल, कम आपूर्त‍ि वाले मौसम अथवा आपात स्थिति में बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार बफर स्‍टाक बनाकर रखती है।

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