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सीएम पुष्कर सिंह धामी का भ्रष्ट-लापरवाह अफसरों पर होगा सख्त ऐक्शन, यह बना प्लान

देहरादून । सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार का भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों पर सख्त ऐक्शन होने जा रहा रहा है। भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों पर सरकार ने स...

देहरादून । सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार का भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों पर सख्त ऐक्शन होने जा रहा रहा है। भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों पर सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। लंबे समय से जिन अफसरों के खिलाफ विभिन्न आरोपों में जांच लंबित है, उनका ब्योरा मांगा गया है। सीएम पुष्कर धामी के संज्ञान में आया है कि कई विभागों के अफसरों पर भ्रष्टाचार व अन्य अनियमितताओं की जांच चल रही हैं, लेकिन जांच अधिकारी इनमें तेजी नहीं ला रहे हैं। इससे ये जांचें लंबित पड़ी हैं। सीएम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने सचिव सीएम शैलेश बगौली को ऐसे सभी भ्रष्ट अफसरों का ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। बगौली ने सभी अपर मुख्य सचिवों से लेकर प्रभारी सचिवों को अपने-अपने विभागों के अधीन ऐसे अफसरों की रिपोर्ट मांगी है, जिनके विरुद्ध लंबे समय से प्रशासकीय जांच लंबित हैं। दरअसल, जीरो टॉलरेंस को लेकर सरकार सख्त कदम उठा रही है। हाल ही में रजिस्ट्री ऑफिस में दस्तावेजों में हेराफेरी, रेलवे स्टेशन में कर चोरी प्रकरण और उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक हरविंदर सिंह बवेजा के विरुद्ध अनियमितताओं के आरोप सामने आने पर सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों ने बताया कि कई अफसरों के विरुद्ध सालों से अनियमितताओं के मामलों में जांचें लंबित हैं। अब सरकार ने इन अफसरों का ब्योरा मांगा है जिससे उन पर कार्रवाई की जा सके। उधर, सचिव बगौली ने सभी विभागों को पत्र भेजे जाने की पुष्टि की है।

भ्रष्टाचार में कई अफसर गिरफ्तार
इस साल रिश्वत लेने के आरोप में अब तक 10 अफसर और कर्मचारियों गिरफ्तार किए गए। विजिलेंस ने इनके विरुद्ध मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी भी ले ली है। वहीं, विजिलेंस पूर्व आईएएस राम विलास यादव और आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार मृत्युजंय मिश्रा के खिलाफ जांच को निस्तारित कर चुकी है। ये दोनों मामले कोर्ट में चल रहे हैं। वहीं,विजिलेंस ने पीसीएस निधि यादव के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। राज्य में भ्रष्टचार-मुक्त प्रणाली विकसित करने और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करने के लिए टोल-फ्री नंबर 1064 जारी किया। इस नंबर पर जो भी शिकायतें मिल रही हैं उनका परीक्षण कराने के बाद एजेंसियां सख्त कदम उठा रही हैं।

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