देहरादून। वर्ष 2005 से पूर्व की विज्ञप्ति के आधार पर चयनित कार्मिकों को पुरानी पेंशन का लाभ देने की कवायद में अधिकारियों की लापरवाही बड़ी अड...
देहरादून। वर्ष 2005 से पूर्व की विज्ञप्ति के आधार पर चयनित कार्मिकों को पुरानी पेंशन का लाभ देने की कवायद में अधिकारियों की लापरवाही बड़ी अड़चन बन रही है। वित्त विभाग के बार-बार ऐसे कार्मिकों का ब्योरा मांगने के बावजूद सिर्फ सचिवालय प्रशासन, उच्च शिक्षा व समाज कल्याण विभाग के कुछ अनुभागों ने ही सूचना दी है।
शेष 28 विभागों के 35 अनुभाग अब तक उदासीन बने हुए हैं। यह हाल तब है जबकि कर्मचारियों की अहम मांगों में शामिल इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उचित कार्यवाही का आश्वासन दे चुके हैं।वित्त विभाग ने इन विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों को कड़ा पत्र जारी करते हुए गहरी नाराजगी जताई है।
संबंधित अफसरों को दो टूक कहा गया है कि महत्वपूर्ण विषय पर सूचना न देना, घोर लापरवाही और असहयोगात्मक प्रवृति का प्रतीक है। पत्र में अंतिम मौका देते हुए सभी विभागों को 12 सितंबर तक इस मामले से जुड़े कार्मिकों का ब्योरा अनिवार्य रूप से मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद किसी विभाग की सूचना स्वीकार नहीं की जाएगी। संबंधित विभाग इसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे।
यह है मामला
देश में पुरानी लाभकारी पेंशन के स्थान पर एक अक्तूबर 2005 को नई अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई थी। हालांकि राज्य में इसका आदेश 22 अक्टूबर 2005 को जारी हुआ था, लेकिन इस एक अक्तूबर से ही माना गया।
इस फैसले से वो कर्मचारी प्रभावित हुए जिनका चयन वर्ष 2005 से पहले की विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था। लेकिन विभागीय प्रक्रिया की वजह से वो एक अक्तूबर 2005 से पहले ज्वाइन नहीं कर पाए। ज्वाइनिंग तारीख को आधार बनाते हुए इन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से बाहर कर दिया गया।
अफसर ढीले
पांच हजार से ज्यादा कर्मचारियों से जुड़ा विषय होने की वजह से सरकार इस मुद्दे पर खासी गंभीर है। कैबिनेट में इस पर प्रारंभिक सहमति बन चुकी है और मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। मुख्य सचिव ने वित्त विभाग से कर्मचारियों की संख्या, पुरानी पेंशन लाभ देने पर होने वाले व्यवभार का ब्योरा मांगा है।
वित्त सचिव ने सभी विभागों से 10 अगस्त तक ब्योरा मांगा था। इस अवधि में रिपोर्ट न देने वाले अफसरों से 25 अगस्त को अगले तीन दिन के भीतर रिपेार्ट देने को कहा गया। लेकिन केवल चार-पांच विभाग से ही पूरी रिपोर्ट मिल पाई है।
लापरवाह विभाग
परिवहन अनुभाग-01,गृह अनुभाग-01, पशुपालन अनुभाग-1,2,3 , बेसिक शिक्षा अनुभाग-01, सचिवालय प्रशासन अनुभाग-02, कृषि अनुभाग-01, लघु सिंचाई अनुभाग, समाज कल्याण अनुभाग-03,, नियोजन अनुभाग 01 व 02,खाद्य अनुभाग-01, महिला सशक्तिकरण अनुभाग, सूचना अनुभाग, चिकित्सा अनुभाग-01, 02, आयुष अनुभाग, आबकारी अनुभाग, कार्मिक अनुभाग-01 व 04, श्रम अनुभाग, तकनीकी शिक्षा, पंचायती राज अनुभाग-01, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम अनुभाग, संस्कृत शिक्षा अनुभाग, खेलकूद अनुभाग, ग्राम्य विकास अनुभाग-01 व 04, माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-04, वित्त अनुभाग-06 व 08, सिचाई अनुभाग-01, कौशल विकास एवं सेवायोजन अनुभाग, राजस्व अनुभाग-01।
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