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भोपाल में बनेगा महाराणा प्रताप स्मारक

  मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया शिलान्यास  भावी पीढ़ी को सही इतिहास पढ़ाना है राज्य सरकार का दायित्व : मुख्यमंत्री श्री चौहान  निरंतर कष्ट सह...

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया शिलान्यास 
भावी पीढ़ी को सही इतिहास पढ़ाना है राज्य सरकार का दायित्व : मुख्यमंत्री श्री चौहान 
निरंतर कष्ट सहकर भी राष्ट्रधर्म निभाने की प्रेरणा मिलती है महाराणा प्रताप से 
महाराज छत्रसाल का भव्य स्मारक बनेगा मऊ सहानिया (छतरपुर) में

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार का दायित्व भावी पीढ़ी को सही इतिहास पढ़ाना है। वीरता की प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप की कष्ट सहकर भी राष्ट्रधर्म निभाने की प्रतिज्ञा ने भावी पीढ़ियों को प्रेरित किया है। महाराणा प्रताप की जीवनी, राष्ट्र भक्ति, औऱ उनके बलिदान को महाराणा प्रताप लोक के रूप में भावी पीढ़ी के सामने लायेंगे। इससे भावी पीढ़ी को सही प्रेरणा और दिशा मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल के तात्या टोपे स्टेडियम के पास महाराणा प्रताप स्मारक के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाराणा प्रताप स्मारक का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वराज्य और राष्ट्र धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महाराणा प्रताप का नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ़ प्रण के लिए अमर है। उनके जीवन-मूल्यों, देश भक्ति और सामाजिक समरसता से समर्पित महाराणा प्रताप स्मारक भावी पीढ़ी को सही प्रेरणा और दिशा देगा।

बुंदेलखंड के गौरव महाराज छत्रसाल जी के योगदान और अवदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घोषणा की कि महाराज छत्रसाल के समाधि स्थल मऊ सहानिया (छतरपुर) में उनके जीवन पर भव्य स्मारक बनाया जाएगा। साथ ही धुबेला में वर्तमान संग्रहालय का सुसज्जीकरण और विकास किया जाएगा।

बचपन से वीर थे महाराणा प्रताप

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाराणा प्रताप की वीरता का उल्लेख करते हुए कहा कि वे बचपन से ही साहसी थे। महाराणा प्रताप ने मेवाड़ के शासक के रूप में बागडोर संभाली। युद्धभूमि में महाराणा को देख मुगलों के पसीने छूट जाया करते थे। महाराणा प्रताप ने मुगल साम्राज्य की विस्तारवादी नीति का विरोध किया और वर्ष 1576 में हल्दीघाटी के युद्ध सहित अकबर के खिलाफ कई बड़े युद्ध वीरतापूर्वक लड़े।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व की रक्षा के लिए झालमान, भील सरदार पुंजा और उनकी सेना, ग्वालियर के रामशाह तंवर और उनके पुत्र, हाकिम खाँ सूर और भामाशाह ने अपने प्राणों को दांव पर लगा दिया था। महाराणा प्रताप मुगलों के सामने कभी नहीं झुके।

महाराणा प्रताप स्मारक मुख्यमंत्री श्री चौहान के जनमानस से जुड़े रहने के भाव और दूरदर्शिता का परिणाम - केंद्रीय मंत्री श्री तोमर

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक मुख्यमंत्री श्री चौहान के जनमानस से जुड़े रहने के भाव और दूरदर्शिता का परिणाम है। महाराणा प्रताप की जीवन और गुणों से प्रेरणा लेकर भारत दुनिया का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र बनेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाकाल लोक, एकात्म धाम, रामराजा लोक, सलकनपुर देवी लोक आदि स्थापित करने का संकल्प लेकर राज्य में सांस्कृतिक अभ्युदय किया है। इस कारण मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठा पूरे देश में बढ़ रही है।

महाराणा प्रताप स्मारक आने वाली पीढ़ी में राष्ट्रीयता का भाव जागृत करेगा - मंत्री सुश्री ठाकुर

संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक आने वाली पीढ़ी में आध्यात्मिकता और राष्ट्रीयता का भाव जागृत करेगा। 21वीं सदी के जगतगुरु भारत के निर्माण के लिए महाराणा प्रताप का पावन चरित्र जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है। यह स्मारक युगों-युगों तक वीरता, देश भक्ति और सामाजिक समरसता की प्रेरणा देता रहेगा। मंत्री सुश्री ठाकुर ने महाराणा प्रताप स्मारक के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान का कोटि-कोटि अभिनंदन किया।

कार्यक्रम में महाराणा प्रताप स्मारक पर आधारित एनीमेटेट फिल्म का प्रदर्शन किया गया। श्री रामव्रत पाण्डेय और साथी कलाकारों ने महाराणा प्रताप के जीवन पर केंद्रित गीत-संगीतमयी प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर राजस्व परिवहन मंत्री श्री गोविंद राजपूत, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, सहकारिता लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविंद भदौरिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिसोदिया, औद्योगिक नीति एवं निवेश मंत्री श्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह,राज्य स्तरीय दीनदयाल अंत्योदय समिति कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष श्री रामपाल सिंह सहित राजपूत समाज के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

ऐसा होगा महाराणा प्रताप स्मारक

महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना में कुभलगढ़ दुर्ग से प्रेरित होगी। महाराणा प्रताप की 20 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के साथ ही मेवाड़ वंश के गौरव बप्पा रावल, खुमाण प्रथम, महाराणा हम्मीर, महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा एवं उदयसिंह के जीवन चरित्र की प्रदर्शनी दर्शायी जाएगी। महाराणा की जीवनी पर 20 मिनट की फिल्म के प्रदर्शन के लिए इंटरप्रिटेशन सेन्टर बनाया जाएगा। मेवाड़ एवं महाराणा प्रताप के जीवन की घटनाओं और कलाकृतियों को प्रदर्शित करने वाली गैलरी बनाई जाएगी। स्मारक के लैण्डस्केप एरिया में खुली गैलरियों के माध्यम से महाराणा प्रताप द्वारा वन में व्यतीत किए गए कालखंड का प्रदर्शन किया जाएगा। चित्तौड़ में महाराणा कुम्भा द्वारा बनाये गये विजय स्तंभ की प्रतिकृति को स्मारक में स्थापित किया जाएगा। स्मारक में 2000 लोगों की बैठक क्षमता का आकाशीय मंच बनाया जाएगा, जिसमें महाराणा प्रताप के शौर्य, पराक्रम, त्याग एवं बलिदान पर आधारित लाइट एण्ड साउण्ड शो का प्रदर्शन किया जाएगा। निकास मार्ग में प्रमुख युद्धों की भीतिचित्र प्रदर्शनी और 3-D कलाकृतियों का चित्रण होगा। साथ ही परिसर में जन-सुविधाएं, कैफेटेरिया और गिफ्ट शॉप का निर्माण किया जायेगा।

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