इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर क्लाइमेट रीसिलिएन्ट ग्रोथ प्रोग्राम की दी जानकारी भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल से ब्रिटिश उप उच्चायुक्त सुश्री क...
इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर क्लाइमेट रीसिलिएन्ट ग्रोथ प्रोग्राम की दी जानकारी
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर ग्रोथ प्रोग्राम पोर्टफोलियो अंतर्गत परिषद द्वारा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरनमेंट एन्ड डेव्हलपमेंट के सहयोग से जलवायु सूचना सेवा टूल क्रिस्प-एम डिजाईन किया गया है। क्रिस्प-एम टूल केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ब्रिटिश सरकार के फॉरेन कॉमनवेल्थ एन्ड डेव्हलपमेंट ऑफिस के सहयोग से जलवायु परिवर्तन की संभावित चुनौतियों का सामना करने में ग्रामीण समुदायों को आवश्यक सहायता देने के लिए विकसित किया गया है। मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है, जहाँ रायसेन और सीहोर जिलों में इसका पायलेट प्रोजेक्ट अक्टूबर 2021 में लाँच किया गया था। क्रिस्प-एम टूल ग्रामीण परिवारों को स्थानीय जलवायु डेटा को प्राप्त, साझा करने की सुविधा के साथ ही जलवायु संकट का सामना करने में मदद करता हैं। उनकी आजीविका की सुरक्षा के लिए संसाधनों तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करता है। समुदायों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जानकारी देकर भविष्य के जलवायु परिदृश्य, भूमि के भू-जल की स्थिति, सतही वर्षा जल प्रवाह और वर्षा पेटर्न आदि के विषय में जागरूक कर जल-संरक्षण की दीर्घकालीन योजना निर्माण में सहायता करता है। पायलट प्रोजेक्ट में टूल की व्यापक उपयोगिता और स्वीकार्यता के दृष्टिगत जन-साधारण के लिये टूल का वैश्विक संस्करण इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एन्वायरमेंट एण्ड डेव्हलपमेंट के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया है, जो वैश्विक स्तर पर किसी भी हितधारक द्वारा सार्वभौमिक रूप से उपयोग किया जा सकता है।
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एन्वायरमेंट एण्ड डेव्हलपमेंट की टीम लीडर और मुख्य शोधकर्ता सुश्री ऋतु भारद्वाज ने बताया कि फील्ड स्तर पर कार्यरत सरकारी पदाधिकारियों और समुदायों को टूल की उपयोगिता के बारे में आवश्यक जानकारी देने और उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए मैपकॉस्ट में संसाधन केन्द्र की स्थापना की गई है। यह केन्द्र क्रिस्प-एम टूल के उपयोग के द्वारा भविष्य में जलवायु प्रभावों के बेहतर प्रबंधन में सहयोगी होगा।
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