रायपुर। साइंस कालेज में पिछले 10 महीने से साढ़े सात सौ छात्रों की पढ़ाई प्रभावित है। उच्च न्यायालय में मामला होने के कारण द्वितीय सेमेस्टर ...
रायपुर। साइंस कालेज में पिछले 10 महीने से साढ़े सात सौ छात्रों की पढ़ाई प्रभावित है। उच्च न्यायालय में मामला होने के कारण द्वितीय सेमेस्टर की पढ़ाई नहीं हुई। परीक्षा कब होगी, इसका भी कुछ पता नहीं है। पिछले वर्ष प्रदेश के आठ आटोनामस कालेजों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हुआ था। सेमेस्टर परीक्षा में पास होने के लिए 40 प्रतिशत अंक जरूरी है। साइंस कालेज में हुई प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्र फेल हो गए। फेल हुए छात्र हाई कोर्ट चले गए। कोर्ट के स्टे के बाद पास छात्रों की भी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सेकंड सेमेस्टर में अभी एक भी दिन की पढ़ाई नहीं हुई। छात्र पिछले 10 महीने से दर-दर भटक रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट जाने वाले कुछ छात्र टीसी लेकर दूसरे कालेजों में प्रवेश ले लिए हैं। कोर्ट केस के लिए छात्रों ने जो वकील किए थे, उन्हें बराबर पैसा भी नहीं दे रहे हैं, इसलिए छात्रों की तरफ से कोर्ट में कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचने के कारण भी तारीख बढ़ जाती है। 30 अक्टूबर को केस की सुनवाई है। इसमें कुछ परिणाम आने की उम्मीद है। कालेज के अधिकारियों का कहना है कि ग्रेजुएशन का नया कोर्स यूजीसी के निर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। पासिंग मार्क्स का फार्मूला भी इसी आधार पर बना है। इसके तहत बीए के 100 नंबर के पर्चे में 80 नंबर थ्योरी और 20 नंबर इंटर्नल और असाइनमेंट के हैं। इसमें पास होने के लिए 40 प्रतिशत नंबर जरूरी है। कामर्स के लिए भी यही फार्मूला है। जब साइंस में जिन विषयों में प्रैक्टिकल है, उसमें 70 नंबर की थ्योरी और 30 नंबर का प्रैक्टिकल है। इसके तहत भी थ्योरी में पास होने के लिए 40 प्रतिशत अंक जरूरी है। आटोनोमस कालेजों में ग्रेजुएशन के नए कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया है।
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