राजनांदगांव । विधानसभा चुनाव के लिए सात नवंबर को मतदान होना है। यानी ठीक आठवें दिन वोटिंग है। इसके लिए पांच हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचार...
राजनांदगांव
। विधानसभा चुनाव के लिए सात नवंबर को मतदान होना है। यानी ठीक आठवें दिन
वोटिंग है। इसके लिए पांच हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई
गई है। इनमें पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इन्हीं में से लगभग
डेढ़ सौ ने चुनावी कार्यों से मुक्ति के लिए निर्वाचन शाखा में आवेदन किया
है। इनमें लगभग 70 महिला अधिकारी-कर्मचारी हैं। उन्होंने ड्यूटी से पृथक
करने के लिए स्वास्थ्य ठीक नहीं होना, परिवार में आवश्यक कार्य आ जाना व
एक्सीडेंट हो जाना, जैसे कारणों का हवाला दिया है। महिला कर्मचारियों ने
गर्भवती होना व अन्य स्वास्थ्यगत कारणों से चुनावी ड्यूटी से पृथक करने का
आग्रह किया है। मतदान दल में शामिल जिन पुरूष अधिकारी-कर्मचारियों ने
ड्यूटी से हटने के लिए आवेदन किया है, उनमें से भी अधिकांश से स्वास्थ्य
संबंधी समस्याएं बताई है। चुनावी ड्यूटी वाली सूची दो माह पहले ही तैयार
हो गई थी। आचार संहिता लागू होने के पहले ही उसे जारी भी कर दी गई थी। इस
दौरान सभी अधिकारी-कर्मचारियों को दो दौर का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
अंतिम चरण की ही ट्रेनिंग बाकी है। ऐसे में पहले से तय नाम को हटाकर नए
नाम जोड़ना प्रशासन के लिए चुनौती बन रही है। हालांकि मतदान दल रिजर्व भी
है। आवश्यकता पड़ने पर उनमें से अधिकारी-कर्मचारी बुलाए जाएंगे, लेकिन
मेडिकल बोर्ड से अनफिट या संतोषजनक कारण वाले प्रमाण-पत्र के बिना चुनावी
ड्यूटी से किसी को पृथक नहीं किया जाएगा। यही कारण है कि प्राप्त आवेदनों
में से अधिकांश पर कोई निर्णय नहीं किया गया है। यानी बगैर ठोस कारणों के
चुनावी ड्यूटी से छुट्टी नहीं मिलने वाली। बताया गया कि चुनाव के लिए जिनकी
ड्यूटी लगाई गई है, उसका ब्यौरा संबंधित विभागों में भी है। जिन्होंने
चुनावी ड्यूटी से मुक्ति के लिए आवेदन किया है, उसका परीक्षण विभागों के
माध्यम से ही कराया जा रहा है, जो कारण बताया गया है, वह सही या नहीं और
ड्यूटी निरस्त करने के लिए वह पर्याप्त है भी या नहीं, इसका पता लगाने के
बाद ही प्रशासन कोई निर्णय करेगा। स्वास्थ्यगत कारणों वाले आवेदनों पर
विचार का आधार मेडिकल बोर्ड का प्रमाण-पत्र ही होगा। इस संबंध में उप जिला
निर्वाचन अधिकारी खेमलाल वर्मा ने कहा कि चुनाव महत्वपूर्ण कार्य है। इसके
लिए लगभग 4200 अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कुछ ने
स्वास्थ्यगत व अन्य कारणों का हवाला देकर चुनावी ड्यूटी से छुट्टी मांगी
है। मेडिकल बोर्ड के प्रमाण-पत्र के बिना किसी को भी इससे मुक्त नहीं किया
जाएगा। बहानेबाजी नहीं चलेगी।
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