बिलासपुर । मुसीबत में फंसे और बीमार लोगों के लिए डायल 112 संजीवनी साबित हो रही है। लोगों की जान बचाने से लेकर आरोपियों को जेल पहुंचाने क...
बिलासपुर । मुसीबत में फंसे और बीमार लोगों के लिए डायल 112 संजीवनी साबित हो रही है। लोगों की जान बचाने से लेकर आरोपियों को जेल पहुंचाने का काम डायल 112 से हो रहा। इसके अलावा गर्भवती और प्रसुता को नया जीवन तक देने का काम 112 की टीम कर रही है। बीते अक्टूबर महीने में मदद के लिए 112 के पास 7174 काल पहुंचे। इसके बाद पुलिस की टीम ने समय रहते लोगों की मदद की। नागरिकों को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई इमरजेंसी सेवा डायल 112 लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग-अलग नंबर डायल करने की बजाए तीनों आपातसेवाएं पुलिस, अग्निशमन और एंबुलेंस के लिए 112 डायल कर इसका लाभ ले रहे हैं। सकरी क्षेत्र से 112 को काल आया। दलदलिहा पारा में संतोषी पाटले ने जहर सेवन कर लिया हैै। डायल 112 टीम तुरंत मौके पर पहुंची। गंभीर महिला को लेकर पुलिस की टीम अस्पताल पहुंची। अस्पताल में उपचार के बाद महिला की जान बचाई जा सकी। इसी तरह कोटा क्षेत्र के पोड़ी में रहने वाली ज्योति पैकरा ने कीटनाशक सेवन कर लिया था। इसकी सूचना मिलते ही समय पर 112 की टीम मौके पर पहुंची और महिला को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। अमेरी में रहने वाली संगीता कोशले व अन्य ने 112 को जानकारी दी कि, पीड़िता को सात दिन के बच्चे के साथ ससुरालवालों ने घर से निकाल दिया है। 112 की टीम ने महिला को बच्चे के साथ उसके ससुराल ले गई। मायके वालों की मौजूदगी में ससुराल वालों को समझाईश दी गई। इससे महिला को ससुराल वाले अपने साथ रहने राजी हो गए। और ससुराल वालों को समझाइश देकर पीड़िता व बच्चे को उसके घर पहुंचाया. सिरगिट्टी क्षेत्र के दाधापारा रेल्वे ओवरब्रिज के उपर से एक युवक ने आत्महत्या करने छलांग लगा दी। वह नीचे से गुजर रहे मालगाड़ी से टकराया। इस बीच वह हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को अस्पताल पहुंचाया। समय पर मिले उपचार से युवक की जान बचाई जा सकी। बिल्हा क्षेत्र के ग्राम कुरेली में बेलदेवी को प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। स्वजन ने इसकी सूचना डायल 112 पर काल कर मदद मांगी। सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। मितानिन के साथ उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था। रास्ते पर प्रसव पीड़ा बढ़ने के साथ ही उसकी परेशानी बढ़ गई। मितानिन के कहने पर चालक वाहन रोक दिया। टीम ने मितानिन की मदद से सुरक्षित प्रसव कराया। इसके बाद मां और बच्चे को सुरक्षित अस्पताल ले जाया गया।
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