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धान खरीदी राज्य सरकार अपने दम पर करती है : सुशील आनंद शुक्ला

भूपेश बघेल बने वायदा निभाने के पर्याय 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान  खरीदी शुरू केन्द्र 1 किलो भी धान नहीं खरीदता - कांग्रेस जयराम रमेश की बातों ...


भूपेश बघेल बने वायदा निभाने के पर्याय 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान 
खरीदी शुरू

केन्द्र 1 किलो भी धान नहीं खरीदता - कांग्रेस

जयराम रमेश की बातों आदतन झूठे भाजपाई गलत प्रस्तुत कर रहे

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपना एक और वायदा निभा दिया। छत्तीसगढ़ के किसानों की 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी प्रदेश भर में शुरू हो चुकी है। भाजपा धान खरीदी में रोक लगवाना चाहती है, उसने धान खरीदी बंद करने के लिये चुनाव आयोग में शिकायत किया है। 
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी पर भारतीय जनता पार्टी झूठ बोल रही है। धान खरीदी में केन्द्र का योगदान है। धान खरीदी में केन्द्र का योगदान केवल इतना ही है कि वह अन्य फसलों के समान धान का भी समर्थन मूल्य सिर्फ घोषित करता है। खरीदी राज्य सरकार करती है। जयराम रमेश ने उसी घोषित समर्थन मूल्य की बात कही है। मोदी सरकार का धान खरीदी में कोई योगदान नहीं है। धान खरीदी का पूरा का पूरा पैसा राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाता है। राज्य सरकार मार्कफेड के माध्यम से विभिन्न बैंको से कर्ज लेकर धान खरीदी करती है। किसानों को छत्तीसगढ़ में 2640 रूपये, देश ही नही दुनिया में सबसे ज्यादा कीमत भूपेश सरकार दे रही है। भारतीय जनता पार्टी नेता भ्रम फैलाने के लिये जबरिया वाहवाही लेने के लिये राजनीति कर रहे है। पिछले वर्श 107 लाख मीट्रिक धान की खरीदी कांग्रेस सरकार ने किया था। यह एक बड़ी उपलब्धि है। 15 साल में रमन सरकार के द्वारा इसका आधा धान ही खरीदा जाता था। इस वर्श 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र का राज्यों से चावल और अन्य अनाज खरीदना और राज्य का अपने किसानों से धान खरीदना दोनों अलग-अलग योजना है। राज्य अपने किसानों को उसकी उपज की पूरी कीमत देने अपने संसाधनों से धान की खरीदी करती है। छत्तीसगढ़ के किसानों से भूपेश सरकार ने 2660 रू. में धान खरीदा है। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि में तो किसानों को 1000-1200 में धान बेचना पड़ता है। केंद्र सरकार अपनी कल्याण योजनाओं के लिये सस्ते दर पर चावल, गेहूं आदि दुकानों के माध्यम से बांटने के लिये राज्यों से खरीदती है। छत्तीसगढ़ से चावल खरीद कर मोदी सरकार राज्य पर कोई अहसान नहीं करता यह उसकी मजबूरी है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र को कल्याण योजनाओं के लिये चावल बिना छत्तीसगढ़ का चावल खरीदे संभव नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार यदि 86 लाख टन केंद्र को चावल न दे तो केंद्र सरकार के पास बांटने के लिये चावल का संकट पैदा हो जायेगा। मोदी सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में चावल का भंडार नहीं है। कर्नाटका ने जब अपनी अन्ना भाग्य योजना के केंद्र से 35 लाख मीट्रिक टन चावल मांगा तो केंद्र ने मना कर दिया था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी में सहयोग तो दूर की बात है मोदी सरकार धान खरीदी में अडंगेबाजी करती है। भूपेश सरकार ने जब घोषित समर्थन मूल्य से ज्यादा 2500 रू. धान की कीमत का भुगतान किया तो मोदी सरकार ने सेंट्रल पुल के चावल लेने से मना कर दिया था। तब केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण कांग्रेस सरकार को राजीव गांधी किसान न्याय योजना चालू कर किसानों को 9000 प्रति एकड़ एवं 10,000 प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।



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