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युवा अपने लिए एलईडी को चुन रहे बेस्ट डिस्प्ले, घर को बना रहे सिनेमा हाल

बिलासपुर । 21 नवंबर को विश्व टेलिविजन दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में समय के साथ-साथ टेलिविजन की मांग में काफी परिवर्तन आ चुका है। अब लोग छो...

बिलासपुर । 21 नवंबर को विश्व टेलिविजन दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में समय के साथ-साथ टेलिविजन की मांग में काफी परिवर्तन आ चुका है। अब लोग छोटे स्क्रीन के बजाय बड़े स्क्रीन पर फिल्म, नाटक, गाना देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। समय के साथ छोटे स्क्रीन की टीवी बाजार से बारह हो चुके हैं। बदलते परिवर्तन के अनुरूप लोग ने अपने घर में सिनेमा हाल जैसा मौहाल बना लिए है। सबसे ज्यादा एलईडी टीवी को पसंद किया जा रहा है। इनमें फिल्मों और शो को घंटों तक देख रहे हैं। साथ ही गेम प्ले का आनंद उठा रहे हैं। आज टेलीविजन में काफी बदलाव हो चुके हैं, फिर भी मनोरंजन के तमाम साधनों के बीच आज भी टीवी देखने के शौकीनों की संख्या कम नहीं है। शहरों में सुबह की शुरुआत आज भी टेलीविजन से ही होती है। इतने सारे गैजेट्स होने के बावजूद सभी के जीवन में टेलीविजन का अलग ही महत्व है।   पहले रामायण, महाभारत एवं अन्य सीरियल देखने को लेकर बच्चों से लेकर युवाओं में काफी उत्साह होते थे। उस दौर में टेलीविजन नया-नया आया था तब बहुत कम लोगों के पास टेलीविजन थे। ऐसे में उस समय सीरियल देखने के लिए भीड़ लगी रहती थी। उस दौर में शहरों में भी कुछ घरों में ही टेलीविजन थे। कुछ सालों बाद तक भी घर-परिवार के सदस्य एक साथ बैठ कर ही सीरियल देखा करते थे। जब टीवी आया था तो हम लोगों को दूरदर्शन पर आने वाले आधे घंटे के समाचारों के प्रसारण का इंतजार हुआ करता था। गांवों में भी आंगन में टीवी रख दिया करते थे और पूरा मोहल्ला आंगन में बैठकर टीवी देखता था। ऐसा माहौल होता था जैसे घर में मेला लगा हो। उस समय टीवी को लेकर बड़ी उत्सुकता रहती थी। पिछले कुछ सालों से टीवी के आकार में बदलाव आया है। अब स्मार्ट टीवी, एलईडी टीवी घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। बच्चों से लेकर युवक व महिलाएं बड़े स्क्रीन पर फिल्म व सीरियल देखना पसंद कर रही हैं। शुरू आती दौर में परिवार, व्यक्ति के संघर्ष, विभाजन और उसके प्रभाव की कहानी दिखाई जाती थी। इसमें युवा पीढ़ी को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरणा मिलती थी। देशभक्ति जैसे मुद्दों को भी दिखाया जाता था। लेकिन अब टेलीविजन में मौज-मस्ती का वीडियो ज्यादातर प्रसारण किया जाता है। मनोरंजन और गीत संगीत में काफी परिवर्तन हुआ है। वर्तमान में लोग जब चाहते हैं, जहां चाहते हैं, जैसे चाहते हैं मनोरंजन से संबंधित फिल्मे और धारावाहिक देख सकते हैं। लोग आज अपने मन मुताबिक विडियो देख सकते हैं। टीवी में बच्चों से लेकर युवा, महिला और बुजुर्गों के लिए भी सामाग्री उपलब्ध है। जिसका बाजार दिनोंदिन बढता जा रहा है। लोगों की सोच के अनुरूप फिल्में और धारावाहिक दिखाए जाने लगे है। जो लोगों को अंत समय तक टीवी पर टिके रहने के लिए मजबूर कर दिया है। 

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