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तेलंगाना में डॉ. जी विवेकानंद एंड कंपनीज से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा

हैदराबाद  ।  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तेलंगाना में चार स्थानों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के प्रावधानों के तहत तलाशी ल...

हैदराबाद  ।  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तेलंगाना में चार स्थानों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के प्रावधानों के तहत तलाशी ली हैं। जांच एजेंसी की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा कि तलाशी हाईटेक सिटी, मंचेरियल में डॉ. विवेकानन्द के अस्थायी आवास पर की गई, जहां वह स्थित थे। बयान में कहा गया कि ईडी ने डॉ. जी विवेक के बैंक खाते से मेसर्स विजिलेंस सिक्योरिटी को आठ करोड़ रुपये के लेनदेन के संबंध में तेलंगाना पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की है। बयान में कहा गया कि लक्षित क्षेत्रों में हैदराबाद में डॉ गद्दाम विवेकानंद के आवास, हैदराबाद में विसाका इंडस्ट्रीज लिमिटेड का कार्यालय परिसर और रामागुंडम में विजिलेंस सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स विजिलेंस सिक्योरिटी के बैंक खाते का इस्तेमाल बिना वास्तविक व्यावसायिक औचित्य में सर्किट मनी ट्रांसफर के लिए किया गया है। जांच के दौरान पता चला है कि डॉ. जी विवेक, उनकी पत्नी और उनकी कंपनी विसाका इंडस्ट्रीज और मेसर्स विजिलेंस सिक्योरिटी के बीच 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। ईडी की ओर से जारी बयान के मुताबिक मेसर्स विजिलेंस सिक्योरिटी ने अपनी नवीनतम बैलेंस शीट में 64 करोड़ रुपये की संपत्ति की रिपोर्ट करते हुए मुख्य रूप से दीर्घकालिक ऋण/अग्रिम के रूप में 'परिचालन से राजस्व' के रूप में केवल 20 लाख रुपये घोषित किए। कंपनी के विवादित बैंक खाते में स्थापना के बाद से 200 करोड़ रु. की लेन-देन दिखाया गया है। प्रथम दृष्टया, डॉ. जी विवेक द्वारा एक विदेशी टैक्स-हेवन देश में एक इकाई के निगमन में भी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन किया गया है। ईडी की जांच में पता चला है कि मेसर्स विजिलेंस सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्पष्ट रूप से फेमा उल्लंघन का किया गया है। इसकी मूल कंपनी यशवंत रियल्टर्स है, जिसके अधिकांश शेयर एक विदेशी नागरिक के पास हैं। प्रथम दृष्टया, डॉ. जी विवेक द्वारा एक विदेशी टैक्स-हेवन देश में एक इकाई के निगमन में भी फेमा का उल्लंघन देखा गया। तलाशी अभियान के दौरान डिजिटल उपकरणों और आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी और जब्ती हुई है, जिसमें कई करोड़ रुपये के संदिग्ध और बेहिसाब लेनदेन के साथ-साथ संपत्ति सौदों में बेहिसाब नकदी के उपयोग का भी संकेत मिले हैं। 

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