Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

विशेष कोर्ट ने नकली नोट चलाने के आरोप में आरोपी को सुनाई सात साल की सजा

  बिलासपुर। नकली नोट छापने और बाजार में चलाने के आरोप में विशेष न्यायालय एनआइए ने आरोपी को सात साल की सजा और नौ हजार रुपये का जुर्माना ठों...

 

बिलासपुर। नकली नोट छापने और बाजार में चलाने के आरोप में विशेष न्यायालय एनआइए ने आरोपी को सात साल की सजा और नौ हजार रुपये का जुर्माना ठोंका है। विशेष न्यायालय ने दोनों मामले में छह महीने व तीन महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई है। कोर्ट ने जुर्माने की राशि ना पटाने पर अतिरिक्त सजा का प्रविधान भी किया है। आरोपी जेल में बंद है। विशेष न्यायालय ने अपने जेल में बंद अवधि को सजा में समायोजित करने का निर्देश जेल प्रबंधन को जारी किया है। आरोपी राजेन्द्र कुमार गुलशन करेंसी नोट 50 व 500 रुपये की कूटकरण करने के लिए अपने गांव पिहरीद के भूथाखार स्थित खेत के बोर घर में जाकर छापता था और उसे अपने आधिपत्य में रखा था। आरोपी ने 28 अक्टूबर 2020 को तकरीबन 12 बजे फगुरम भदरी चौक के जायसवाल होटल में जाकर 50 रुपये देकर समोसा खरीदना और नकली नोट थमा दिया। होटल संचालक रोहित कुमार डनसेना को संदेह हुआ और इसकी सूचना चौकी फगुरम को दी वहां से पुलिस वाले दो गवाह लेकर आये और आरोपी को पकड़ कर उसकी तलाशी ली गई तब उसके कब्जे से 16 नग 50 -रुपये के नकली नोट और 95 नग 500 रुपये के नकली नोट बरामद हुआ जिसे जब्त किया गया और देहाती नालिसी लिखकर विवेचना कार्यवाही प्रारंभ की गई। विवेचना कार्यवाही के दौरान आरोपी के आधिपत्य से उसके बताये अनुसार लैपटाप, स्केनर, कलर प्रिंटर एवं इंक की जप्ती की गई। जप्तशुदा नकली करेंसी नोट की जांच कराई गई, गवाहों के बयान लिये गये। विशेष न्यायालय ने अपने फैसले में इस बात का भी हवाला दिया है कि आरोपी के विरुद्ध नकली करेंसी नोटों को असली के रुप में उपयोग में लाये जाने का आरोप भादंवि की धारा 489-बी प्रमाणित नहीं हुआ है। गवाह रोहित कुमार ने यह इन्कार कर दिया है कि उसके होटल में आरोपी ने 50 रुपये का नकली नोट देकर उससे समोसा खरीदा था। इसी प्रकार आरोपी के आधिपत्य से लैपटाप, कलर प्रिंटर, स्कैनर और इंक जब्त किया गया है, वह एक ऐसी इलेक्ट्रानिक उपकरण है जो नोटों के कूटकरण के लिए निर्मित नहीं की गई और ना ही इससे नोट छापना प्रमाणित हुआ है ।जांच प्रतिवेदन के अनुसार हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर उपलब्ध ना होने के कारण जांच किया जाना संभव नहीं हो सका, इसलिए आरोपी के विरुद्ध भादंवि की धारा 489-डी का भी आरोपी प्रमाणित नहीं होता है। लिहाजा आरोपी को भादंवि की धारा 489-बी एवं 489-डी के आरोप से दोषमुक्त किया जाता है। 15. आरोपी के विरुद्ध युक्तियुक्त संदेह से परे भादंवि की धारा 489-ए एवं 489-सी का आरोप प्रमाणित होता है इसलिए आरोपी को करेंसी नोटों का कूटकरण करने और कूटकृत नोटों को अपने कब्जे में रखने के आरोप में दोषसिद्ध किया जाता है। विशेष न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि प्रकरण का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि आरोपी के आधिपत्य से करेंसी नोट क्रमशः 50 रुपये के 16 नग, 500 रुपये के 195 नग जब्त किये गये हैं। अपराधी ने न केवल नकली नोट बनाया बल्कि उसे अपने आधिपत्य में भी रखा इन सब तथ्यों का देखते हुए अपराधी को सात साल की सजा,जुर्माना और अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जुर्माने की राशि अलग से वसूली जाएगी। अपराधी की न्यायिक अभिरक्षा में व्यतीत अवधि का प्रमाण पत्र धारा 428 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत तैयार करने कहा है।इसी आधार पर कारावास की अवधि में समायोजित की जाएगी। विशेष अदालत ने पुलिस को निर्देशित किया है कि जब्तशुदा करेंसी नोट एवं इंक को अपील ना होने की दशा में अपील अवधि पश्चात् नियमानुसार नष्ट किया जाए। लैपटाप, कलर प्रिंटर, स्कैनर को भी अपील ना होने की दशा में अपील अवधि पश्चात् राजसात की जाये और नियमानुसार नीलाम कर उसकी राशि शासकीय कोष में जमा कराई जाए। जब्तशुदा वाहन मोटर साइकिल अपराध की विषय-वस्तु नहीं है जो सुपूर्दनामे पर है इसलिए इस वाहन को अपील न होने की दशा में अपील अवधि पश्चात् सुपूर्दनामा के शर्तों से मुक्त करने का आदेश दिया है।

No comments