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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण करने का आदेश

  बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य शासन द्वारा चार सितंबर.2023 काे जारी पदस्थापना के साथ ही संशोधित पोस्ट...

 

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य शासन द्वारा चार सितंबर.2023 काे जारी पदस्थापना के साथ ही संशोधित पोस्टिंग आदेश को कर दिया है। याचिकाकर्ता शिक्षकों को पिछले पदस्थापना स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दे दी है। वेतन का भुगतान भी संबंधित स्कूल से ही होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन करने जिसमें एक सदस्य के रूप में लोक शिक्षण निदेशक और सदस्य के रूप में संबंधित पांच विभागों के सभी संयुक्त निदेशक शामिल होंगे,निर्देश शासन को दिया है। समिति के समक्ष याचिकाकर्ता शिक्षकों के आवेदन रखे जायेंगे जो संयुक्त निदेशक के समक्ष दिये गये थे जिनके आधार पर संशोधित पदस्थापन आदेश जारी किये गये थे। इन आवेदनों पर 45 दिनों के भीतर समिति को अपना निर्णय देना होगा। शिक्षकों की याचिका पर जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के सिंगल बेंच में सुनवाई होगी। जस्टिस चंदेल ने अपने फैसले में कहा है कि याचिकाकर्ता शिक्षकों को समिति के समक्ष 15 दिनों के भीतर आवेदन पेश करना होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षकों को यह भी छूट दी है कि समिति के समक्ष अपने आवेदन के समर्थन में कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता होगी। समिति प्रत्येक याचिकाकर्ता के मामले का निर्णय करेगी और उनके नये पदस्थापन आदेश समिति या सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किये जायेंगे। निर्णय लेते समय समिति या सक्षम प्राधिकारी याचिकाकर्ताओं के मामले और उनके नए पोस्टिंग आदेश जारी करने के लिए, राज्य की स्थानांतरण नीति 22.अगस्त.2022 के प्रासंगिक प्रविधानों और राज्य (स्कूल शिक्षा विभाग) द्वारा 29 मार्च.2023 को जारी निर्देशों पर भी विचार करेगी। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में तकरीबन 2300 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अलग-अलग याचिका दायर कर राज्य शासन द्वारा चार सितंबर .2023 को पारित आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत संबंधित संभागीय संयुक्त निदेशकों द्वारा जारी याचिकाकर्ताओं के संशोधित पोस्टिंग आदेश रद कर दिए गए हैं। याचिकाकर्ता, जो सहायक शिक्षक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। 147 शिक्षक प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति हेतु विचार किया गया। उन्हें पदोन्नति प्रदान कर 29.मार्च.2023 के दिशा-निर्देशानुसार काउंसलिंग आयोजित कर पदस्थापन आदेश जारी किये गये। इसके बाद, कुछ पदोन्नत शिक्षकों प्रधान पाठकों ने पदोन्नति के बाद अपनी पोस्टिंग में बदलाव की प्रार्थना करते हुए आवेदन प्रस्तुत किया। संयुक्त निदेशकों द्वारा संशोधित पोस्टिंग आदेश जारी किए गए और उसके अनुसार याचिकाकर्ताओं और अन्य प्रभावित शिक्षकों प्रधान पाठकों ने अपने नए पोस्टिंग स्थान पर कार्यभार ग्रहण किया। चार सितंबर .2023 को एक आदेश जारी कर राज्य शासन ने संयुक्त निदेशकों द्वारा जारी याचिकाकर्ताओं के अलावा शिक्षकों व प्रधान पाठकों के सभी संशोधित पोस्टिंग आदेशों को यह कहते हुए रद कर दिया कि संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी किए गए संशोधित पोस्टिंग आदेश अवैध हैं। शासन ने यह भी हिदायत दी कि यदि कोई शिक्षक प्रधान पाठक संशोधित पदस्थापन आदेश के आधार पर नये पदस्थापन स्थान पर कार्यभार ग्रहण कर चुका है तो उसे तत्काल 10 दिन की अवधि के भीतर अपने मूल पदस्थापन स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए कार्यमुक्त कर दिया जाएगा, अन्यथा ऐसा न होने पर जिससे उनका पदोन्नति आदेश स्वतः निरस्त हो जायेगा।

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