बिलासपुर । संजीवनी एक्सप्रेस 108 की ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) लता खूंटे ने सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए दो युवकों की ज...
बिलासपुर । संजीवनी एक्सप्रेस 108 की ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) लता खूंटे ने सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए दो युवकों की जान बचाई है। घटना की सूचना मिलते ही ईएमटी मौके पर पहुंच गई। वहां दोनों युवकों की हालत गंभीर थी। चिकित्सकों से टेलीफोनिक सलाह लेने पर यह बात सामने आई कि इन्हें मौके पर प्राथमिक उपचार नहीं मिलेगा और देरी हुई तो फिर गंभीर परिणाम निश्चित आएगा। ऐसे पर मौके पर ही ईएमटी ने आवश्यक लाइफ सेवर दवाएं व इंजेक्शन देकर दोनों घायलों का लाइफ टाइम कुछ समय तक बढ़ा दिया। इसके बाद तत्काल दोनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचीं, जहां चिकित्सकों ने साफ किया कि यदि समय पर इन्हें इलाज नहीं मिलता तो इसके गंभीर परिणाम सामने आते। मंगलवार को मोपका मुख्य मार्ग पर दो बाइक सवार युवक रांग साइड चलाते हुए तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहे थे और सामने से एक चार पहिया वाहन आ रहा था। ऐसे में युवकों की बाइक तेज रफ्तार से चार पहिया वाहन से जा टकराई। इससे बाइक सड़क से लगी झाड़ियों में जा घुसी। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना संजीवनी एक्सप्रेस की टीम को दी। जिला अस्पताल बिलासपुर में तैनात 108 की टीम की ईएमटी लता खूंटे और वाहन चालक अश्वनी रात्रे तत्परता दिखाते हुए एंबुलेंस लेकर तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। उन्होंने घटनास्थल में पाया कि दोनों बेहोशी की हालत में हैं और खून बहने से हालत गंभीर है। इसके बाद ईएमटी लता ने अपने अनुभव का परिचय दिया और सबसे पहले डाक्टर को फोन लगाकर स्थिति की जानकारी दी। स्थिति जानने के बाद डाक्टर ने कहा कि इन्हें जल्द से जल्द अस्पताल लाओ और उससे पहले मौके पर ही इनका इलाज करो। तभी ये दोनों बच पाएंगे। तब लता ने अपने अनुभव और डाक्टर से मिली सलाह के मुताबिक लाइफ सेवर इंजेक्शन लगाने के साथ जरूरी दवा देकर उन्हें तत्काल सिम्स लेकर पहुंच गई। यहां इलाज करने वाले डाक्टर ने बताया कि कुछ देर की देरी के गंभीर परिणाम आना तय था। ईएमटी लता की वजह से ही ये दोनों मरीज की जान बची है। दोनों युवकों का इलाज चल रहा है और डाक्टर के मुताबिक उनंमे सुधार आ रहा है। संजीवनी एक्सप्रेस 108 में हमेशा से महिला ईएमटी को पदस्थ किया जाता रहा है। उन्हें रोड साइड के साथ गंभीर बीमारी के मरीजों का प्राथमिक इलाज करने व जल्द से जल्द अस्पताल लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इस मामले में भी ईएमटी ने अपने बुद्धि कौशल और अनुभव का परिचय दिया है। बीच-बीच में संजीवनी की महिला ईएमटी टीम मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित हो रही हैं।
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