बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट ने ठगी के एक मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई और कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कह...
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट ने ठगी के एक मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई और कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि गरीब और आम आदमी का एक-एक रूपये भी बेहद कीमती होता है। यह तो 30 लाख 25 हजार रूपये ठगी का मामला है। इस पर अब तक क्या कार्रवाई की गई। राज्य शासन और पुलिस की ओर से जवाब के बाद कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और आरोपितों को जल्द पकड़ने और मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कार्रवाई के नाम पर की जा रही खानापूर्ति और लेटलतीफी को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि जनता के बीच पुलिस की अच्छी छवि नहीं बन पा रही है। छवि बनाना और बिगाड़ना कार्यप्रणाली पर निर्भर करता है। आम जनता के बीच यह संदेश प्रभावी रूप से जाना चाहिए कि पुलिस अच्छी कार्रवाई कर रही है। प्रशासन मजबूत है और निष्पक्ष कार्रवाई की ओर बढ़ रही है। यह तभी संभव है जब हम अपनी ड्यूटी निभाएं और पीड़ितों को न्याय दिलाएं। यह पूरा काम निष्पक्ष और जिम्मेदारी के साथ करने की जरुरत है। क्रिप्टो करेंसी के एक मामले में ठोस और तेजी के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। राजधानी रायपुर और महासमुंद में क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क मार्केटिंग प्रोजेक्ट में पैसा लगाने पर छह महीने में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर तीन लोगों ने बीमा कंपनी की महिला कर्मी से 30 लाख 25 हजार रुपए ठग लिए। ठगी की शिकार महिला की शिकायत पर तेलीबांधा थाना पुलिस ने महासमुंद जिले के तीन आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पीडि़त महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि ठगी के मामले में 11 आरोपित है। पुलिस इस मामले में जांच नहीं कर रही है और ना ही किस तरह का सहयोग भी नहीं कर रही है। शांतिनगर, भारत माता चौक रायपुर निवासी ललिता सोना का खुद का व्यापार है। एक सितंबर 2022 को उनके मोबाइल पर 9827262080 नंबर से काल आया। काल करने वाले ने अपना नाम सरायपाली,महासमुंद से तेज कुमार पुरी बताया। उसने अपने आपको क्रिप्टो करेंसी से संबंधित किसी प्रोजेक्ट में काम करने की बात कहते हुए पैसा लगाने पर छह महीने में रकम दोगुना करने की बात कही। इसके बाद वह लगातार मोबाइल के जरिए फोन कर पैसा निवेश करने प्रेरित करते रहा। इसी दौरान तेज कुमार ने छह सितंबर 2022 को वीआइपी चौक के पास स्थित ट्रिटोन होटल में प्रोजेक्ट के संबंध में सेमिनार आयोजित करने की जानकारी देकर आमंत्रित किया। ललिता सेमिनार में शामिल हुई,जहां तेज कुमार पुरी के साथ पिथौरा निवासी समीर कुमार मिश्रा, सत्यवती दुबे, किशोर कुमार, प्रेमलाला प्रधान, बालेश्वर प्रधान, चैतन कुमार साहू, घासीदास मानिकपुरी, तेजराम देवांगन, अरखीत दास, राकेश गुप्ता आदि मौजूद थे। सभी ने निवेश के लिए बातें की। 18 अक्टूबर को ट्रिटोन होटल में बुलाकर तेज कुमार पुरी, समीर कुमार मिश्रा,सत्यवती दुबे ने नेटबैंकिंग के माध्यम से तेज कुमार पुरी के इंडियन बैंक के खाते में चार लाख 50 हजार रुपये आरटीजीएस करा लिया। 27 दिसंबर 2022 तक किस्तों में नगद और अलग-अलग बैंक खातों में कुल 30 लाख 25 हजार रुपये जमा करा लिए। दिसंबर में ही तेजकुमार ने निवेश किए रकम दोगुना वापस लौटाने की गारंटी देते हुए आइडीबीआइ और एसबीआइ के चार-चार चेक दिए। छह महीने बीत जाने के बाद ललिता ने आरोपियों को काल किया तो सभी के मोबाइल स्वीच आफ थे। दिए गए चेक बैंक में जमा करने पर वे भी बाउंस हो गए। मामले में पुलिस में एफआइआर के बाद भी कार्रवाई ना होने हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
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