रायपुर। आनलाइन ठगी के नित नए मामले सामने आ रहे हैं। इसे सुलझाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। राजधानी में साइबर ठगी के 300 ...
रायपुर। आनलाइन ठगी के नित नए मामले सामने आ रहे हैं। इसे सुलझाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। राजधानी में साइबर ठगी के 300 के करीब शिकायतें पेंडिंग पड़ी है। पुलिस अफसरों के मुताबिक ज्यादातर ठगी की घटनाएं लालच में आने की वजह से होती है। इस तरह की ठगी से बचने पुलिस जनजागरुकता अभियान भी चलाती है। बावजूद इसके लोग ठगों के झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। आनलाइन फ्राड करने वाले वर्ष के अंत में लोगों को इनाम के अलावा खरीदी पर भारी भरकम छूट देने का झांसा देने नामी आनलाइन बिजनेस साइट्स के नाम पर लोगों को मैसेज भेज रहे हैं। जालसाज लोगों को खरीदी में शामिल होने क्यूआर कोड स्कैन करने मैसेज भेज रहे हैं। इस तरह के मैसेज भेजने का सिलसिला पिछले 15 दिनों से चल रहा है। इस तरह के मैसेज मिलने के कई लोगों ने साइबर सेल में शिकायत की है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह के प्रलोभन वाले मैसेज आने पर उसे इग्नोर करें साथ ही अनजान नंबर से आए किसी भी तरह के क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचने की सलाह दी है। साइबर ठगी के मामलों के शिकार लोगों को अपने ठगी की रकम होल्ड कराने के लिए थानों से लेकर साइबर सेल तक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। बड़ी रकम ठगी होने पर पुलिस एक्शन तो लेती है, लेकिन पीड़ितों को उनकी ठगी की पूरी रकम मिलना असंभव है। इसकी वजह जालसाज भी समझ गए हैं कि जिन लोगों को उन लोगों ने ठगी का शिकार बनाया है, मामला पुलिस में या बैंक में पहुंचने पर रकम होल्ड हो सकती है। इस वजह से ठग क्यूआर कोड भेजकर या फिर मोबाइल हैक कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठगी की रकम डायरेक्ट ठग के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है। शिकायत होने पर ठगी की रकम को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं। साइबर सेल के अफसरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में वर्तमान में झारखंड के अलावा हरियाणा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के ठग गिरोह सक्रिय हैं, जो लोगों को अलग-अलग प्रकार से अपने झांसे में लेकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। इंटरनेट मीडिया में मैसेज भेजकर या मोबाइल में काल कर परिचित बनकर ठगी करने वाले गिरोह राजस्थान के हैं। हरियाणा, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल गिरोह के जालसाज लोगों को आनलाइन ट्रेडिंग करने के साथ शेयर मार्केट में पैसा लगाने तथा इंटरनेट मीडिया में सब्सक्राइब, शेयर करने के नाम पर ठगी का शिकार बना रहे हैं।
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