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संपत्ति का समान बंटवारा करने की मांग

   नयी दिल्ली । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जान ब्रिटास ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश में संपत्ति का केंद्रीकरण हो रहा है जो...

 

 नयी दिल्ली । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जान ब्रिटास ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश में संपत्ति का केंद्रीकरण हो रहा है जो संविधान का उल्लंघन है। श्री ब्रिटास ने सदन में यह मामला उठाते हुए एक अध्ययन के हवाले से कहा कि देश की 40 प्रतिशत परिसंपदा एक प्रतिशत लोगों के पास है। इसके अलावा 50 प्रतिशत परिसंपदा 30 प्रतिशत आबादी के पास है। शेष आबादी के पास 10 प्रतिशत परिसंपदा है। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है। संविधान आर्थिक समानता की ओर बढ़ने का निर्देश देता है। उन्होंने कहा कि सरकार को आर्थिक समानता की दिशा की ओर बढ़ना चाहिए और संसद में श्रमिकों तथा किसानों की बात की जानी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने शहरों, छोटा कस्बों और गांवों में रह रहे छोटे कारीगरों सुनार, बढई, लौहार ,मोची आदि के समक्ष कारोबार के संकट का मामला उठाया। उन्होंने बताया कि छोटे कारीगरों के कारोबार में बड़े उद्योग घराने आ रहे हैं जिसके कारण इनका रोजगार खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसी को भी कोई भी कारोबार करने से नहीं रोका जा सकता लेकिन छोटे कारीगरों को बचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि छोटे कारीगरों के लिए विशेष व्यवस्था होनी चाहिए। इससे छोटे स्तर पर और स्थानीय स्तर पर रोजगार करने वाले लोगों का संरक्षण हो सकेगा।

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